कांग्रेस की काट के लिए बने NDA की कहानी... जानें 25 साल में कहां से कहां तक पहुंचा गठबंधन
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कांग्रेस के मुकाबले के लिए 1998 में बीजेपी के अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी ने एनडीए का गठन किया था. उस समय इसमें 16 पार्टियां थीं. आज एनडीए में बीजेपी के अलावा 38 और पार्टियां हैं. एनडीए एकमात्र राष्ट्रीय गठबंधन है, जिसने 25 साल पूरे किए हैं. जानते हैं एनडीए के बनने की पूरी कहानी...
साल 2024 के आम चुनाव में बीजेपी की अगुवाई वाले NDA का मुकाबला विपक्षी पार्टियों के नए गठबंधन I.N.D.I.A. से होगा. एनडीए ने 2024 का चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लड़ने का प्रस्ताव पास किया.
मंगलवार को एनडीए की दिल्ली में बैठक हुई थी. इस बैठक में बीजेपी के अलावा 38 पार्टियां शामिल हुई थीं. इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनडीए की नई परिभाषा दी. उन्होंने कहा, N से न्यू इंडिया, D से डेवलपमेंट और A से एस्पिरेशन.
पीएम मोदी ने इस बैठक में सहयोगी पार्टियों को संबोधित करते हुए कहा कि 2024 में लगातार तीसरी बार एनडीए सत्ता में वापसी करेगा. उन्होंने कहा कि अगले चुनाव में एनडीए को 50 फीसदी से ज्यादा वोट मिलेंगे.
पीएम मोदी ने कहा, '90 के दशक में कांग्रेस ने गठबंधन का इस्तेमाल देश में अस्थिरता लाने के लिए किया. कांग्रेस ने सरकारें भी बनाईं और उन्हें गिराया भी. इसी दौरान 1998 में एनडीए बना. एनडीए का गठन किसी सरकार को सत्ता से बाहर करने के लिए नहीं, बल्कि देश में स्थिरता लाने के लिए किया गया था.'
एनडीए क्यों बना था?
- 90 के दशक में देश की राजनीति तेजी से बदल रही थी. ये वो दौर था जब कांग्रेस को लेकर नाराजगी बढ़ रही थी. कई राज्यों में कांग्रेस कमजोर होती जा रही थी.
aajtak e-चुनाव के सर्वे में करीब सवा लाख लोगों ने हिस्सा लिया. इनमें से लगभग 73% लोगों ने बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए को लगातार तीसरी बार सत्ता में देखने की इच्छा जताई जबकि विपक्षी इंडिया ब्लॉक को लगभग 23% वोट मिले. करीब 4 फीसदी वोट अन्य को मिले. अगर इन वोटों को सीटों में बांट दिया जाए तो एनडीए को 397 सीटें मिलने का अनुमान है.
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इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया एग्जिट पोल में एनडीए को 361-401 सीटें और इंडिया ब्लॉक को 131-166 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है. अन्य को 8 से 20 सीटें मिल सकती हैं. राज्यों की बात करें तो इस बार आंध्र प्रदेश, तेलंगाना में बड़ा उलटफेर देखने को मिल सकता है. केरल में भी बीजेपी का खाता खुलने की उम्मीद है.
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