
कश्मीर में भारी बर्फबारी से होगा नए साल का स्वागत! वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के चलते IMD ने जारी किया ये अलर्ट
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3 से 6 जनवरी के बीच जम्मू-कश्मीर में एक और बड़ा पश्चिमी विक्षोभ आएगा और 4 जनवरी को इसकी तीव्रता अधिकतम होगी. इसलिए अगर नए साल में आपका प्लान पहाड़ों पर घूमना है तो एक बार घर से निकलने के पहले मौमस का अपडेट चेक कर लें.
नए साल में कश्मीर में और अधिक बर्फबारी की संभावना है. मौसम विभाग (IMD) ने 3 से 6 जनवरी के बीच घाटी में मध्यम से भारी बर्फबारी की भविष्यवाणी की है. 3 से 6 जनवरी के बीच जम्मू-कश्मीर में एक और बड़ा पश्चिमी विक्षोभ आएगा, 4 जनवरी को इसकी तीव्रता अधिकतम होगी, मध्यम से भारी बर्फबारी की संभावना है. जो लोग पहाड़ों पर घूमने का प्लान कर रहे हैं, उन्हें सरकार की सलाह का पालन करना चाहिए. सरकार की तरह से पहाड़ों पर बर्फबारी के बीच फिसलन को लेकर अलर्ट जारी किया गया है. जिसमें लोगों को पहाड़ों पर जाने को लेकर सावधानी बरतने को कहा गया है.
कश्मीर में चल रहा चिल्लई-कलां कश्मीर घाटी में सर्दियों का सबसे कठोर दौर चिल्लई-कलां के नाम से जाना जाता है. घाटी में भीषण शीतलहर चल रही है और तापमान रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है. जम्मू और कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में पिछले तीन दशकों की सबसे ठंडी रात दर्ज की गई और न्यूनतम तापमान -8.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. पिछले 133 वर्षों में श्रीनगर में दिसंबर में यह तीसरा सबसे कम तापमान है. करीब एक सप्ताह तक न्यूनतम तापमान -6 डिग्री से -7 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा.
भीषण शीतलहर के कारण मशहूर डल झील जमी चिल्लई-कलां कश्मीर घाटी के लिए 40 दिनों की सबसे कठोर सर्दियों की अवधि है. नियमित अंतराल पर जलाशयों का जमना और बर्फ के ढेर चिल्लई-कलां के मुख्य आकर्षण हैं. चिल्लई-कलां 21 दिसंबर से 31 जनवरी के बीच रहता है. इसके बाद 31 जनवरी से 19 फरवरी तक चिल्लई-खुर्द और उसके बाद दस दिनों की अवधि का आखिरी और सबसे छोटा चिल्लई-बाचे होता है. भीषण शीतलहर के चलते मशहूर डल झील पहले ही जम चुकी है. इससे पहले भारी बर्फबारी के बाद श्रीनगर एयरपोर्ट के लिए उड़ानें भी स्थगित कर दी गई थीं. यहां तक कि जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग को भी वाहनों के आवागमन के लिए बंद कर दिया गया था. अब हालात सामान्य हो गए हैं, लेकिन शायद लंबे समय तक ऐसा न हो.

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