
कभी स्कूल नहीं गई ये एक्ट्रेस, शोबिज में 55 साल से कर रही काम, 61 की उम्र में किस चीज को देख दुखता है दिल?
AajTak
बॉलीवुड एक्ट्रेस सारिका ने बताया कि बचपन में ही फिल्मों में काम शुरू करने की वजह से वो दूसरे बच्चों की तरह अपने बचपन के पलों को एन्जॉय नहीं कर पाईं. एक्ट्रेस ने खुलासा किया कि वो कभी स्कूल ही नहीं गई हैं. आखिर इसकी क्या वजह है आइए जानते हैं.
बॉलीवुड एक्ट्रेस सारिका ने फिल्म इंडस्ट्री में 55 साल का लंबा सफर तय कर लिया है. सारिका ने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत महज 5 साल की उम्र में थी. उन्होंने अपने करियर में कई हिट फिल्मों में काम किया. शोबिज में इतना लंबा समय गुजारने वाली सारिका को आखिर आज कौन सी चीज परेशान करती है. एक्ट्रेस ने इसका खुलासा किया है.
सारिका को किस बात का है पछतावा?
सारिका ने News18 संग बातचीत में अपनी जर्नी पर बात की. उन्होंने बताया कि बचपन में ही फिल्मों में काम शुरू करने की वजह से वो दूसरे बच्चों की तरह अपने बचपन के पलों को एन्जॉय नहीं कर पाईं. एक्ट्रेस ने खुलासा किया कि वो कभी स्कूल ही नहीं गई हैं. एक्ट्रेस ने कहा- उस वक्त मुझे बुरा लगता था. आज भी मुझे ये देखकर बुरा लगता है कि चाइल्ड स्टार्स को स्कूल जाने का टाइम नहीं मिलता है और उन्हें बहुत हार्ड वर्क करना पड़ता है.
एक्ट्रेस ने बताया कि उन्होंने जो भी सीखा फिल्मों के सेट पर ही सीखा. एक्ट्रेस ने इस बारे में बात करते हुए कहा- जब मैंने इसके अच्छे पार्ट पर ध्यान दिया, तो फिल्म इंडस्ट्री मेरा स्कूल और कॉलेज दोनों ही बन गई. मैंने जिन एक्टर्स और डायरेक्टर्स संग काम किया वो मेरे टीचर्स बन गए. मैंने फिल्म इंडस्ट्री में कई दूसरी चीजें भी कीं. मेरे लिए ये बहुत शानदार जर्नी रही है. मुझे ये बहुत पसंद है और मैं इसे बदलना नहीं चाहती.
कॉस्टयूम डिजाइनर भी रह चुकी हैं सारिका
एक्ट्रेस ने ये भी बताया कि उन्होंने फिल्म हे राम और चाची 420 में कॉस्टयूम डिजाइनर के तौर पर भी काम किया है. हे राम फिल्म के लिए सारिका को बेस्ट कॉस्टयूम डिजाइन के लिए नेशनल फिल्म अवॉर्ड भी मिला था.

रूसी बैले डांसर क्सेनिया रयाबिनकिना कैसे राज कपूर की क्लासिक फिल्म मेरा नाम जोकर में मरीना बनकर भारत पहुंचीं, इसकी कहानी बेहद दिलचस्प है. मॉस्को से लेकर बॉलीवुड तक का उनका सफर किसी फिल्मी किस्से से कम नहीं. जानिए कैसे उनकी एक लाइव परफॉर्मेंस ने राज कपूर को प्रभावित किया, कैसे उन्हें भारत आने की इजाजत मिली और आज वो कहां हैं और क्या कर रही हैं.

शहनाज गिल ने बताया कि उन्हें बॉलीवुड में अच्छे रोल नहीं मिल रहे थे और उन्हें फिल्मों में सिर्फ प्रॉप की तरह इस्तेमाल किया जा रहा था. इसी वजह से उन्होंने अपनी पहली फिल्म इक कुड़ी खुद प्रोड्यूस की. शहनाज ने कहा कि वो कुछ नया और दमदार काम करना चाहती थीं और पंजाबी इंडस्ट्री में अपनी अलग पहचान बनाना चाहती थीं.

ओटीटी के सुनहरे पोस्टर भले ही ‘नई कहानियों’ का वादा करते हों, पर पर्दे के पीछे तस्वीर अब भी बहुत हद तक पुरानी ही है. प्लेटफ़ॉर्म बदल गए हैं, स्क्रीन मोबाइल हो गई है, लेकिन कहानी की कमान अब भी ज़्यादातर हीरो के हाथ में ही दिखती है. हीरोइन आज भी ज़्यादातर सपोर्टिंग रोल में नज़र आती है, चाहे उसका चेहरा थंबनेल पर हो या नहीं. डेटा भी कुछ ऐसी ही कहानी कहता है.










