
कनाडा में खालिस्तानियों को भारतीय समुदाय का करारा जवाब, प्रदर्शनकारियों के सामने शान से लहराया तिरंगा
AajTak
कनाडा में भारतीय समुदाय ने खालिस्तान समर्थकों को करारा जवाब दिया है. शनिवार को टोरंटो में भारतीय वाणिज्य दूतावास के बाहर जुटे खालिस्तान समर्थक प्रदर्शन करने पहुंचे थे. यहां भारतीय समुदाय के लोग भी पहुंचे और तिरंगा लहराकर जवाब दिया है. भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारे लगाए.
कनाडा के टोरंटो में भारतीय समुदाय के लोगों ने खालिस्तानियों को करारा जवाब दिया है. वहां भारतीय वाणिज्य दूतावास के बाहर खालिस्तानी प्रदर्शनकारियों के सामने तिरंगा लहराया है. पिछले कुछ दिनों से यूके, यूएस और कनाडा में भारतीयों दूतावासों के बाहर प्रदर्शन का सिलसिला चल रहा है, लेकिन इस बार कनाडा में भारतीय समुदाय के लोग एकजुट हुए और तिरंगा लहराकर खालिस्तान समर्थकों को जवाब दिया है.
बता दें कि 8 जुलाई को भी खालिस्तानी समर्थकों ने लंदन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा समेत कुछ देशों में भारत के खिलाफ रैली निकाली, जिसको 'Kill india railly' नाम दिया गया. लंदन में इस मार्च को खालिस्तानी आतंकी परमजीत सिंह पम्मा ने लीड किया. ये आतंकी भारत से फरार होकर लंदन में खुलेआम घूम रहा है.
खालिस्तानियों को तिरंगा झंडा लहराकर दिया जवाब
कनाडा में जब खालिस्तानी समर्थक खुद का झंडा लेकर रैली निकाल रहे थे, तब उनके सामने भारतीय समुदाय आ गया और तिरंगा झंडा लहराकर जवाब दिया. भारत माता की जय, हर-हर महादेव और वंदे मातरम के नारे लगाए. खालिस्तानी समर्थक बड़ी संख्या में गाड़ियों से निकले थे. बड़े-बड़े बैनर पोस्टर में भारतीय राजनयिकों के फोटो भी लगाए गए थे. डिप्लोमेट संजय कुमार वर्मा की फोटो भी शामिल थी. इन सभी को खालिस्तानी आतंकी हरदीप निज्जर का दोषी बताया गया था.
एनआईए ने खालिस्तानियों पर 6 देशों में कसा है शिकंजा
फिलहाल, कनाडा में भारतीय तिरंगा शान से लहराता हुए देखा गया. हालांकि, इस तरह के घटनाक्रमों पर एनआईए की भी पूरी नजर है. एनआईए ने अब तक 6 देशों में शिकंजा कसा है. ऐसे लोगों की हिट लिस्ट भी तैयार की गई है. उसमें सबसे ऊपर SFJ प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू का नाम भी शामिल है. पन्नू समेत अन्य खालिस्तान समर्थकों पर भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की भी नजर है.

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.







