'ऑपरेशन पर जा रहा हूं, सब कुछ ठीक रहा तो...' शहीद होने से पहले कैप्टन प्रांजल की पत्नी को गई वो आखिरी कॉल
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कैप्टन प्रांजल (29) बुधवार को राजौरी सेक्टर में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ के दौरान शहीद हो गए थे. मैसूर के रहने वाले सेना के अधिकारी ’63 राष्ट्रीय राइफल्स’ से थे. कैप्टन प्रांजल ने बुधवार को ही पत्नी से अंतिम बार फोन पर बात की थी.
जम्मू-कश्मीर के राजौरी में बुधवार को आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए कैप्टन एमवी प्रांजल ’63 राष्ट्रीय राइफल्स’ से थे. जैसे ही उनके शहीद होने की खबर बेंगलुरु के नंदनवन में स्थित उनेक घर पर पहुंची तो परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा. 28 साल के कैप्टन प्रांजल मैंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड’ (एमआरपीएल) के सेवानिवृत्त निदेशक के पूर्व निदेशक वेंकटेश और अनुराधा (मां) के इकलौते बेटे थे.
पत्नी को की थी लास्ट कॉल
दो साल पहले एमवी प्रांजल की शादी बेंगलुरु की रहने वाली अदिति से हुई थी. इसके बाद ही उनकी तैनाती कश्मीर में हुई थी. प्रांजल ने अपनी स्कूली शिक्षा दक्षिण कन्नड़ जिले के सूरतकल में प्राप्त की थी तथा वह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी से इंजीनियरिंग स्नातक थे.
पत्नी अदिति से अंतिम बार फोन पर हुई बातचीत में उन्होंने कहा था कि वो ऑपरेशन के लिए जा रहे हैं और सब ठीक रहा तो गुरुवार को बात कर पाएंगे. लेकिन होनी को कुछ और मंजूर था और बुधवार को जब उनके शहीद होने की खबर आई तो परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा. राजौरी में हुई इस मुठभेड़ में कैप्टन प्रांजल सहित चार सैनिक शहीद हो गए थे.
प्रांजल के पिता वेंकटेश ने मीडिया से बात करते हुए कहा, 'मैंने कुछ दिन पहले ही प्रांजल से बात की थी, लेकिन आखिरी संदेश उसने अदिति को भेजा था जिसमें उसने सेना के ऑपरेशन का जिक्र करते हुए गुरुवार को बात करने की बात कही थी.' परिवार उसके फोन का इंतजार कर रहा था, तभी उसकी मौत की खबर मिली.
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