ऑड-ईवन अटका, 20-21 नवंबर को कृत्रिम बारिश का प्लान... क्या अगले 10 दिन दिल्ली-NCR वाले जहरीली हवा में लेंगे सांस?
AajTak
दिल्ली-एनसीआर के लोग हर साल की तरह इस बार भी भीषण प्रदूषण का सामना कर रहे हैं. यहां हवा की गुणवत्ता लगातार गंभीर श्रेणी में बनी हुई है. ऐसे में प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा तमाम कदम उठाए जा रहे हैं. हालांकि, ये अब तक नाकाफी साबित हुए हैं.
प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने 13 नवंबर से 20 नवंबर तक ऑड ईवन लागू करने का ऐलान किया था. लेकिन अब यह ठंडे बस्ते में पड़ती नजर आ रही है. दिल्ली सरकार ने बुधवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा ऑड ईवन की प्रभावशीलता की समीक्षा किए जाने के बाद इसे लागू किया जाएगा. अब दिल्ली सरकार ने आदेश जारी किया है कि 20 नवंबर के आसपास क्लाउड सीडिंग के जरिए कृत्रिम बारिश का प्रयास किया जाएगा.
10 दिन तक भगवान भरोसे लोग! दरअसल, दिल्ली-एनसीआर के लोग हर साल की तरह इस बार भी भीषण प्रदूषण का सामना कर रहे हैं. यहां हवा की गुणवत्ता लगातार गंभीर श्रेणी में बनी हुई है. ऐसे में प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा तमाम कदम उठाए जा रहे हैं. हालांकि, ये अब तक नाकाफी साबित हुए हैं. वहीं, अब सरकार का कहना है कि वह 20 नवंबर के आसपास क्लाउड सीडिंग के जरिए कृत्रिम बारिश कराएगी. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या 10 दिन तक दिल्ली-NCR के लोगों को प्रदूषण की मार के बीच भगवान भरोसे रहना पड़ेगा?
इससे पहले दिल्ली सरकार ने प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली के स्कूलों में सर्दियों की छुट्टियों का ऐलान कर दिया. दिल्ली में 9 नवंबर से 18 नवंबर तक स्कूल बंद कर दिए गए. इसके अलावा दिल्ली से बाहर रजिस्टर्ड ओला- ऊबर जैसी ऐप आधारित टैक्सी के राजधानी में प्रवेश पर रोक लगा दी है. हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि आदेश के बाद ही साफ हो पाएगा कि इसे कब से लागू किया जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली सरकार से कहा था कि राजधानी में अन्य राज्यों में पंजीकृत टैक्सियां बड़ी संख्या में सिर्फ एक यात्री को ले जाते हुए सड़कों पर देखी जाती हैं. कोर्ट ने दिल्ली सरकार से इस बात पर विचार करने को कहा था कि शहर में सिर्फ दिल्ली में रजिस्टर्ड टैक्सियां ही चलें. 20-21 नवंबर को क्लाउड सीडिंग कराने का प्लान दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा, दिल्ली सरकार शहर में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए 20-21 नवंबर के आसपास क्लाउड सीडिंग के माध्यम से कृत्रिम बारिश कराने का प्रयास करेगी. राय ने कहा कि उन्होंने आईआईटी-कानपुर के वैज्ञानिकों के साथ एक बैठक की, जिन्होंने उन्हें बताया कि क्लाउड सीडिंग का प्रयास केवल तभी किया जा सकता है जब वातावरण में बादल या नमी हो. गोपाल राय ने कहा, विशेषज्ञों का अनुमान है कि ऐसी स्थितियां 20-21 नवंबर के आसपास विकसित हो सकती हैं. हमने वैज्ञानिकों से इस संबंध में एक प्रस्ताव तैयार करने को कहा है, जिसे सुप्रीम कोर्ट में पेश किया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को प्रदूषण के मुद्दे पर सुनवाई होगी. स्मॉग टॉवर शुरू करने का आदेश
दिल्ली सरकार ने अधिकारियों को कनॉट प्लेस स्मॉग टॉवर को तुरंत फिर से शुरू करने और शहर में प्रदूषण के स्रोतों की पहचान करने के लिए एक अध्ययन करने का निर्देश दिया. राय ने दावा किया था कि दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के अध्यक्ष अश्विनी कुमार ने सरकार को सूचित किए बिना दोनों परियोजनाओं को एकतरफा रोक दिया था. दिल्ली में प्रदूषण का कहर जारी दिल्ली की हवा की गुणवत्ता बुधवार को फिर से 'गंभीर' श्रेणी में आ गई. पिछले 24 घंटे में औसत AQI 426 दर्ज किया गया. दिल्ली की मेयर शेली ओबेरॉय ने कहा कि खुले में कूड़ा जलाना, निर्माण कचरे को डंप करना और रेस्तरां में तंदूर का इस्तेमाल राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते वायु प्रदूषण की वजहों में शामिल हैं.
दिल्ली के अलावा एनसीआर में भी AQI गंभीर स्तर पर बना हुआ है. बुधवार को गाजियाबाद में एक्यूआई 384, गुरुग्राम में 385, नोएडा में 405, ग्रेटर नोएडा में 478 और फरीदाबाद में 425 दर्ज किया गया.
केरल में ड्राइविंग के दौरान नियमों की धजी उड़ाने वाले शख्स पर कार्रवाई करते हुए मोटर व्हीकल विभाग ने तीन महीने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड कर दिया है. अलप्पुझा के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) आर. रामनन की जांच के बाद आरोपी पुजारी बैजू विंसेंट के खिलाफ कार्रवाई करते हुए तीन महीने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड कर किया गया है.
दिल्ली-कनाडा फ्लाइट को बीते सप्ताह उड़ाने की धमकी एक मेल के जरिए दी गई थी. इस मामले में पुलिस ने 13 साल के एक बच्चे को पकड़ा है. यह मेल बच्चे ने हंसी-मजाक में भेज दिया था. वह यह देखना चाहता था कि धमकी भरा मेल भेजने के बाद पुलिस उसे ट्रेस कर पाती है या नहीं. अब उसे जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सामने पेश किया जाएगा.
‘जिस घर में कील लगाते जी दुखता था, उसकी दीवारें कभी भी धसक जाती हैं. आंखों के सामने दरार में गाय-गोरू समा गए. बरसात आए तो जमीन के नीचे पानी गड़गड़ाता है. घर में हम बुड्ढा-बुड्ढी ही हैं. गिरे तो यही छत हमारी कबर (कब्र) बन जाएगी.’ जिन पहाड़ों पर चढ़ते हुए दुख की सांस भी फूल जाए, शांतिदेवी वहां टूटे हुए घर को मुकुट की तरह सजाए हैं. आवाज रुआंसी होते-होते संभलती हुई.