
एक साथ तीन देशों में हमले, इजरायल ने ईरान के अलावा इन देशों में भी बरसाईं मिसाइलें
AajTak
इजरायल ने शुक्रवार को ईरान के कई शहरों पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए हैं. ईरान के न्यूक्लियर साइट पर तीन मिसाइलें गिरने की खबर सामने आई थी. इस बीच इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने अपने सभी सैन्यअड्डों को हाई अलर्ट कर दिया. एयर डिफेंस सिस्टम एक्टिवेट कर दिया था.
बीते हफ्ते 13 अप्रैल की आधीरात ईरान ने इजरायल पर ताबड़तोड़ मिसाइल अटैक किए थे. इसके बाद से ही कयास लगने शुरू हो गए थे कि इजरायल जवाबी कार्रवाई जरूर करेगा और अब ठीक एक हफ्ते बाद शुक्रवार को इजरायल ने ईरान पर हमला कर दिया. लेकिन ये हमला सिर्फ ईरान पर नहीं हुआ बल्कि दो और देशों पर इजरायल ने अटैक किया.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इजरायल ने ईरान के अलावा इराक और सीरिया को भी निशाना बनाकर हवाई हमला किया. कहा जा रहा है कि इराक की राजधानी बगदाद में एक बिल्डिंग को निशाना बनाकर एयरस्ट्राइक की गई. इस बिल्डिंग में एक उच्चस्तरीय मीटिंग हो रही थी, जिसमें ईरान समर्थित कई ग्रुप और इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) के सदस्य शामिल थे.
सीरिया की कई रिपोर्ट्स में बताया गया है कि इजरायल के हवाई हमलों में दक्षिणी सीरिया के अस-सुवेदा और दारा प्रांतों में सीरियाई सेना के अड्डों को निशाना बनाया गया. हालांकि, ईरान ने इजरायली हमले से इनकार किया है. वहीं, इजरायल ने अभी इन हमलों की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की है.
ईरान और सीरिया करीबी सहयोगी हैं. सीरिया अमूमन ईरान को अपना सबसे करीबी राष्ट्र बताता है. सीरिया में गृहयुद्ध के दौरान ईरान ने सीरियाई सरकार का पुरजोर समर्थन किया था. ईरान अपने सहयोगी सीरिया को हर तरह की मदद मुहैया कराता है. दोनों के बीच एक और कॉमन कड़ी है, जो है अमेरिका है. दोनों ही देशों के संबंध अमेरिका से अच्छे नहीं है और अमेरिका को इनकी दोस्ती रास नहीं आती. ठीक इसी तरह ईरान और इराक के दोस्ताना संबंध भी किसी से छिपे नहीं है. सीरिया और इराक मिडिल ईस्ट में ईरान के सबसे बड़े सहयोगी भी हैं.
इजरायल के हमले के बाद ईरान का इस्फहान शहर चर्चा में
इजरायल ने शुक्रवार को ईरान के कई शहरों पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए हैं. ईरान के न्यूक्लियर साइट पर तीन मिसाइलें गिरने की खबर सामने आई थी. इस बीच इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने अपने सभी सैन्यअड्डों को हाई अलर्ट कर दिया. एयर डिफेंस सिस्टम एक्टिवेट कर दिया गया.

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.







