
उद्धव गुट के नेता की पुलिस हिरासत तीन जनवरी तक बढ़ाई गई, रंगदारी मामले में हुई है गिरफ्तारी
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उद्धव गुट के नेता योगेश भोईर की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. पिछले हफ्ते रंगदारी मामले में उनकी गिरफ्तारी हुई थी. अब इस मामले में मुंबई एस्प्लेनेड कोर्ट ने उनकी हिरासत को 3 जनवरी के लिए बढ़ा दिया है. पुलिस को आशंका है कि उसने कई और मामलों में भी मसूली की होगी.
मुंबई एस्प्लेनेड कोर्ट ने शनिवार को उद्धव गुट के पूर्व पार्षद योगेश भोईर की पुलिस हिरासत तीन जनवरी तक के लिए बढ़ा दी है. उन्हें पिछले सप्ताह अरेस्ट किया गया था.
शिवसेना (यूबीटी) के पूर्व पार्षद योगेश भोईर और उनके दो साथियों पर पिछले सप्ताह मुंबई अपराध शाखा की यूनिट 11 द्वारा जबरन वसूली का मामला दर्ज किया गया था. भोईर और उनके सहयोगी दिनेश ठाकुर और गणेश ठाकुर एक दुकानदार को जबरन वसूली की धमकी दे रहे थे और मुंबई के कांदिवली में उसकी संपत्ति पर कब्जा करने की भी कोशिश कर रहे थे.
एक महीने के भीतर भोईर के खिलाफ दूसरी एफआईआर दर्ज हुई है. इससे पहले भोईर पर भीमसेन यादव से जबरन वसूली का मामला दर्ज किया गया था. भोईर कांदिवली स्थित एक डेवलपर से 2 करोड़ रुपये वसूलने की कोशिश कर रहा था.
प्राथमिकी के अनुसार, शिकायतकर्ता देवाराम चनुधारी ने ठाकुर बंधुओं से बिजनेस लोन के रूप में 14 लाख रुपये उधार लिए थे और उन्हें ब्याज समेत 35 लाख रुपये लौटाए थे. इसके बावजूद ठाकुर भाई ज्यादा पैसे की मांग कर रहे थे. उन्होंने इस मामले में भोईर को भी शामिल कर लिया था. उसने भी पैसों की मांग की थी. इसके बाद डरकर देवाराम अपने मूल स्थान पर चला गया था. भोईर की पत्नी उसी वार्ड से पार्षद हैं.
इसके बाद भोईर और ठाकुर भाइयों ने चौधरी के चाचा दोलाराम को उठा लिया और उनसे दुकान के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने और इसे अपने नाम पर करने के लिए कहा. देवाराम को इस बारे में पता चला और उसे भोईर के खिलाफ जबरन वसूली की शिकायत का भी पता चला, जिसके बाद उसने अपराध शाखा के संयुक्त आयोग से संपर्क किया और शिकायत दर्ज करा दी.
भोईर और ठाकुर बंधुओं से मंगलवार को तीन घंटे तक पूछताछ की गई और फिर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. तीनों पर जबरन वसूली, धमकी देने और अवैध रूप से पैसा उधार देने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है.

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