ईरान ने हमले पर खर्च किए 520 करोड़, तो इजरायल ने बचाव में फूंके थे 92 हजार करोड़... ऐसी है दोनों देशों की सैन्य ताकत
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अब जब बात खर्चों की हो रही है तो ये भी जान लीजिए कि आमने-सामने आ चुके ये दोनों देश सैन्य ताकत के मामले में एक दूसरे के सामने कहां टिकते हैं? मतलब कौन कितना मजबूत है और कौन कितना कमजोर?
क्या आप जानते हैं कि 13 और 14 अप्रैल की दरम्यानी रात को जब ईरान ने इजरायल पर मिसाइल और ड्रोन से हमला किया, तो इसे अंजाम देने में ईरान को कुल कितने रुपये खर्च करने पड़े? और ईरान के हमले से बचने के लिए इजरायल ने कितने रुपये लगाने पड़े? तो ये हम आपको बताते हैं. उस एक रात दोनों देशों ने हमले और बचाव में एक लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा खर्च कर दिए.
जी हां, एक लाख करोड़ से भी ज्यादा और वो सिर्फ एक ही रात में. अब अगर दोनों देशों के बीच खुल कर जंग की शुरुआत हो गई तो खर्चे का ये आंकड़ा कहां तक पहुंचेगा, इसका अंदाज़ा आप इसी से लगा सकते हैं. ईरान ने इजरायल पर हमले में अपनी जिन मिसाइल ड्रोन और तकनीक का इस्तेमाल किया उसकी कीमत करीब 520 करोड़ रुपये आंकी गई, जबकि इजरायल ने इन हथियारों को इंटरसेप्ट कर मार गिराने में 92 हजार करोड़ रुपये लगाए.
अब जब बात खर्चों की हो रही है तो ये भी जान लीजिए कि आमने-सामने आ चुके ये दोनों देश सैन्य ताकत के मामले में एक दूसरे के सामने कहां टिकते हैं? मतलब कौन कितना मजबूत है और कौन कितना कमजोर? रक्षा बजट की बात करें तो ईरान इजरायल से काफी पीछे है, लेकिन सैनिकों की संख्या के मामले में वो इजरायल से काफी आगे.
- ईरान का रक्षा बजट महज 9.9 अरब डॉलर का है, जबकि इजरायल अपनी रक्षा पर 24.2 अरब डॉलर खर्च करता है.
- हवाई ताकत की बात करें तो ईरान के पास 551 फाइटर जेट्स और दूसरे विमान हैं और इजरायल के पास 612 सैन्य विमान.
- हालांकि टैंकों के मामले में ईरान, इजरायल की तुलना में डबल है. ईरान के पास 4071 टैंक हैं, जबकि इजरायल के पास 2200 टैंक.
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