आदित्य ठाकरे ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से पर्यावरण विभाग को क्यों दिए 100 करोड़? होगी जांच: शिंदे गुट
AajTak
उद्धव सरकार में पर्यावरण मंत्री रहे आदित्य ठाकरे पर शिंदे गुट के नेता रामदास भाई कदम ने सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि आदित्य ने मंत्री रहते हुए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से पर्यावरण विभाग को 100 करोड़ रुपये दिए. उन्होंने कहा कि शिंदे सरकार इसकी जांच करेगी.
शिवसेना शिंदे गुट के नेता और विधायक रामदास भाई कदम ने चेतावनी दी है कि सरकार इस बात की जांच करेगी कि आदित्य ठाकरे ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से पर्यावरण विभाग को 100 करोड़ क्यों दिए. वे रविवार को अपने गांव खेड में बात कर रहे थे.
युवा सेना प्रमुख आदित्य ठाकरे की शिव-संवाद निष्ठा यात्रा रत्नागिरी जिले में आई थी. इस समय दापोली में हुई बैठक में आदित्य ठाकरे ने विधायक योगेश कदम, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और शिंदे गुट के सभी विधायकों की जमकर आलोचना की. रामदास कदम ने इसको लेकर शिवसेना नेता भास्कर जाधव की भी कड़ी आलोचना की.
PCB से विभाग को रुपये देने की होगी जांच: शिंदे गुट
रामदास भाई कदम ने कहा कि आदित्य ठाकरे 2 साल तक मुझसे पर्यावरण खाते को समझते थे, मेरी हर बैठक में आकर बैठते थे और अचानक उद्धवजी मुख्यमंत्री और आदित्य पर्यावरण मंत्री और रामदास कदम बाहर आ गए. काका और चाचा की पीठ में खंजर घोंप दिया. रामदास कदम ने ऐसा आदित्य ठाकरे के बारे में कहा. साथ ही रामदास भाई कदम ने कहा कि वह इस बात की जांच करेंगे कि आदित्य ठाकरे ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से पर्यावरण विभाग को 100 करोड़ क्यों दिए.
भास्कर जाधव पर भड़के रामदास कदम
इसके साथ ही रामदास ने भास्कर जाधव को लेकर कहा कि मेरे पास भौंकने वाले कुत्ते पर ध्यान देने का समय नहीं है. कुत्ते तो भौंकते हैं, हाथी अपनी चाल चलता है. अभी हाल ही में वेदांता और फॉक्सकॉन के सेमी कंडक्टर प्लांट महाराष्ट्र की जगह गुजरात में शिफ्ट करने को लेकर आदित्य ठाकरे ने शिंदे सरकार पर सवाल उठाए थे.
पुणे पोर्श कार हादसे में क्राइम ब्रांच ने एक्शन लेते हुए आरोपी नाबालिग की मां को भी हिरासत में ले लिया है. नाबालिग आरोपी की मां शिवानी अग्रवाल ने बेटे के ब्लड सैंपल से ना केवल छेड़छाड़ की थी बल्कि इसे बदल भी दिया था. जैसे ही यह खबर सामने आई तो शिवानी अंडरग्राउंड हो गई. फाइनली पुणे पुलिस ने उसे खोज निकाला है. वह कल रात वह मुंबई से पुणे आई थी. गिरफ्तारी की औपचारिकताएं जल्द ही पूरी होंगी.
चुनाव आयोग ने हर उम्मीदवार के चुनावी खर्च की सीमा तय कर रखी है. लोकसभा चुनाव में हर उम्मीदवार 95 लाख रुपये तक खर्च कर सकता है. जबकि, विधानसभा चुनाव में ये सीमा 28 लाख से लेकर 40 लाख रुपये तक है. अरुणाचल प्रदेश जैसे छोटे राज्यों में लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार 75 लाख और विधानसभा चुनाव में 28 लाख रुपये खर्च कर सकता है.
बाइडेन ने व्हाइट हाउस में कहा कि हर कोई जो शांति चाहता है, उन्हें अपनी आवाज उठानी चाहिए. अब समय आ गया है कि इस जंग को खत्म कर दिया जाए. उन्होंने दोनों पक्षों के नेताओं से आह्वान किया है कि इस मौके को मत गंवाए. बाइडेन के मुताबिक, इस प्रस्तावित शांति योजना के पहले चरण में छह हफ्तों का सीजफायर शामिल है, जिस दौरान इजरायल और हमास सात अक्तूबर के हमले के बाद से शुरू हुई जंग को खत्म करने पर चर्चा करेंगे.