आखिर गलती किसकी... बेबस पिता की गोद में तड़प-तड़पकर मासूम की मौत की Inside Story
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गाजियाबाद में कुत्ते के काटने के बाद रेबीज बीमारी से 14 वर्षीय मासूम बच्चे की दर्दनाक मौत हो गई. घटना गाजियाबाद के विजय नगर थाना क्षेत्र की चरण सिंह कॉलोनी की है. इस केस में कई तरह की लापरवाहियां सामने आई हैं. चलिए जानते हैं इस रेबीज से मौत मामले में कहां किसकी क्या गलती रही.
रेबीज... एक ऐसी बीमारी जिसका समय पर बचाव और इलाज न किया जाए तो इंसान या तो कोमा में चला जाता है. या उसकी तड़प-तड़प कर मौत हो जाती है. यह मौत बेहद दर्दनाक होती है. मंगलवार को यूपी के गाजियाबाद में रेबीज का एक मामला सामने आया जहां 14 साल के लड़के की तड़प-तड़प कर मौत हो गई. इस मामले में कहां किसकी क्या गलती रही. कहां और किसने लापरवाही बरती इस पर सवाल उठ रहे हैं.
मामला विजय नगर थाना क्षेत्र के चरण सिंह कॉलोनी का है. यहां करीब 5 दिन पहले साबेज नामक लड़के में रेबीज के लक्षण नजर आए थे. वह हवा-पानी से डरने लगा था और अंधेरे में रहने लगा था. लड़के की खराब हालत को देखते हुए परिजन उसे अस्पताल ले गए लेकिन डॉक्टरों ने भर्ती करने से इंकार कर दिया. साबेज को उचित इलाज नहीं मिला और उसकी मौत हो गई.
दरअसल, याकूब के बेटे साबेज को एक महीने पहले कुत्ते ने काट लिया था. पहली लापरवाही यहां नजर आई. क्योंकि बच्चे ने इस बारे में डर के मारे किसी को भी जानकारी नहीं दी. 5 दिन पहले उसके शरीर में अजीब के बदलाव नजर आने लगे. उसके मुंह से लार टपक रही थी और वह पानी पीने से भी डर रहा था. चेहरा भी अजीब सा हो गया था.
तब घर वालों को चिंता होने लगी. लेकिन वो कुछ समझ नहीं पाए. दूसरी लापरवाही यहां देखने को मिली. घर वालों ने पहले तो उसे चेक नहीं करवाया. फिर लड़के ने जब बताया कि उसे एक माह पहले कुत्ते ने काट लिया है. तब घर वाले उसे तुरंत अस्पताल लेकर पहुंचे. लेकिन तब तक उसकी तबीयत और ज्यादा बिगड़ चुकी थी.
डॉक्टर को जब चेक करवाया तो कुत्ते के काटने के कारण रेबीज के लक्षणों की पुष्टि हुई. उसके अंदर बीमारी का इंफेक्शन काफी बढ़ गया था. तीसरी लापरवाही यहां सामने आई. साबेज के परिजनों के मुताबिक, किसी भी डॉक्टर ने बच्चे का उचित इलाज नहीं किया. यहां तक कि किसी भी अस्पताल ने लड़को को भर्ती भी नहीं कि. परिजन इलाज के लिए लड़के को गाजियाबाद जिला एमएम अस्पताल के अलावा मेरठ और दिल्ली के जीटीबी और एम्स के साथ कई अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन कहीं भी साबेज का इलाज नहीं हुआ.
एंबुलेंस के अंदर पिता कि गोद में तोड़ा दम
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