
'अवैध बांग्लादेशियों को वापस भेजने के बजाए हिरासत में क्यों रखा जा रहा', SC का केंद्र सरकार से सवाल
AajTak
अवैध बांग्लादेशियों से जुड़े मामले पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट से केंद्र सरकार से पूछा कि सैकड़ों अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को उनके मूल देश में वापस भेजने के बजाय उन्हें अनिश्चित काल के लिए भारत के हिरासत केंद्रों में रखने का क्या उद्देश्य है. अब इस मामले में अगली सुनवाई 6 फरवरी 2025 को होगी.
अवैध बांग्लादेशियों से जुड़े मामले पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट से केंद्र सरकार से पूछा कि सैकड़ों अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को उनके मूल देश में वापस भेजने के बजाय उन्हें अनिश्चित काल के लिए भारत के हिरासत केंद्रों में रखने का क्या उद्देश्य है. अब इस मामले में अगली सुनवाई 6 फरवरी 2025 को होगी. इस मामले पर जस्टिस जे.बी पारदीवाला और जस्टिस आर. महादेवन की पीठ ने कहा कि यदि बांग्लादेश के किसी अवैध आप्रवासी को विदेशी अधिनियम, 1946 के तहत गिरफ्तार किया गया है और दोषी ठहराया गया है. तो उन्हें सजा की अवधि के बाद तुरंत अपने मूल देश भेज दिया जाना चाहिए. क्या उन्हें भारत में निरुद्ध केंद्रों/सुधार गृहों में अनिश्चित अवधि के लिए रखा जाना चाहिए.
'अवैध बांग्लादेशियों का दें सटीक आंकड़ा'
पीठ ने ये भी कहा कि सुधार घरों में लगभग 850 अवैध प्रवासियों को हिरासत में लिया गया है. साथ ही पीठ ने केंद्र से अवैध प्रवासियों का सटीक आंकड़ा भी पेश करने को कहा है. अवैध प्रवारियों को दोषी ठहराए जाने और विदेशी अधिनियम के तहत पूरी सजा सुनाए जाने के बाद विभिन्न निरुद्ध शिविरों/सुधार घरों में कितने अवैध आप्रवासी हैं?
क्यों नहीं हो रहा कानून का पालन? पीठ ने यह भी कहा कि हम उत्तरदाताओं से समझना चाहते हैं कि एक बार बांग्लादेश से एक अवैध आप्रवासी को कथित अपराध के लिए दोषी ठहराया गया है, यह स्थापित नहीं है कि वह भारत का नागरिक नहीं है. ऐसे सैकड़ों अवैध प्रवासियों को अनिश्चित अवधि के लिए हिरासत शिविरों/सुधारक घरों में रखने का क्या विचार है?भारत सरकार द्वारा 25 नवंबर, 2009 को जारी परिपत्र के खंड 2 (v) के अनुसार, 30 दिनों की अवधि के अंदर निर्वासन, सत्यापन आदि की प्रक्रिया पूरी हो जानी चाहिए. हम ये जानना चाहते हैं कि इस कानून का सख्ती से अनुपालन क्यों नहीं किया जा रहा है.
'याचिकाकर्ता ने कलकत्ता HC को लिखा पत्र' अदालत ने 2013 (माजा दारुवाला बनाम भारत संघ) के मामले पर विचार करते हुए ये टिप्पणियां कीं, जिसे कलकत्ता हाईकोर्ट से ट्रांसफर कर दिया गया था. साल 2011 में याचिकाकर्ता ने कलकत्ता हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को एक पत्र लिखा, जिसमें बांग्लादेश के अवैध प्रवासियों की दुर्दशा पर प्रकाश डाला गया था. जिन्हें विदेशी अधिनियम के तहत अपराध के लिए दोषी ठहराए जाने के बाद सुधारक घरों तक ही सीमित रखा जा रहा है. पत्र में कहा गया है कि सजा सुनाए जाने के बाद भी आप्रवासियों को अपने ही देश में निर्वासित करने के बजाय पश्चिम बंगाल राज्य के सुधार गृहों में हिरासत में रखा जा रहा है. कलकत्ता हाईकोर्ट ने इस पर पत्र का स्वतः संज्ञान लिया. साल 2013 में इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया था.
असम को लेकर भी पूछा सवाल वहीं, पिछले हफ्ते (30 जनवरी) हुई सुनवाई में अदालत ने भारत संघ से यह भी जानना चाहा कि पश्चिम बंगाल राज्य से इस प्रकार के मामलों में क्या करने की उम्मीद थी. गौरतलब है कि न्यायमूर्ति ओका की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की एक अन्य पीठ ने असम में विदेशियों के हिरासत केंद्रों में अवैध प्रवासियों की अनिश्चितकालीन हिरासत को लेकर केंद्र सरकार से भी सवाल किया है.

पानीपत कांड में आरोपी पूनम के पति नवीन ने कहा कि बच्चों को जैसे पानी में तड़पाकर मारा गया, वैसे ही उसकी पत्नी को भी कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए. उसने किसी भी तांत्रिक कनेक्शन से इनकार किया. वहीं, पूनम की मां सुनीता देवी ने कहा कि बेटी शादी से पहले बिल्कुल सामान्य थी और कभी किसी बच्चे को नुकसान नहीं पहुंचाया. उन्होंने स्वीकारा कि यदि उसने यह अपराध किया है तो उसे उसकी सजा जरूर मिलनी चाहिए.

माधव राव ने कुछ स्वयंसेवकों को मुस्लिम पहचान देकर विभाजित पंजाब के शहरों में मुस्लिम लीग के प्रभाव वाले क्षेत्रों में तैनात कर दिया. ये लोग बताते थे कि कैसे पूरी तैयारी के साथ मुस्लिम लीग के लोग हिंदू बाहुल्य इलाकों की रिपोर्ट तैयार करते हैं, और फिर हमला करते थे. RSS के 100 सालों के सफर की 100 कहानियों की कड़ी में आज पेश है उसी घटना का वर्णन.

पिछले दो दिनों से इंडिगो की उड़ानों में भारी रद्द होंगे देखे गए हैं. इस वजह से DGCA ने 4 दिसंबर को इंडिगो के अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की है. 3 और 4 दिसंबर को लगभग 250 से 300 फ्लाइट्स रद्द हो चुकी हैं, जिससे यात्री प्रभावित हुए हैं. DGCA का मकसद इंडिगो के कामकाज में सुधार लाना और यात्रियों की असुविधा को कम करना है.

शिवसेना UBT सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा है कि मंत्री राम मोहन नायडू को इंडिगो संकट को लेकर संसद में स्पष्ट जानकारी देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय को इंडिगो पर उचित कार्रवाई करनी चाहिए क्योंकि इंडिगो ने यात्रियों को काफी परेशानी में डाला है. प्रियंका चतुर्वेदी ने यह भी कहा कि इंडिगो के पास नियमों में हुए बदलावों की पूरी जानकारी थी, लेकिन इसके बावजूद यात्रियों को असुविधा हुई.

हरियाणा के पानीपत में सामने आई 'साइको किलर' महिला की कहानी ने लोगों को सदमे में डाल दिया है. पढ़ी-लिखी, शांत और साधारण दिखने वाली पूनम असल में ऐसी साइको किलर निकली, जिसने दो साल में चार मासूम बच्चों की जान ले ली, जिनमें उसका अपना तीन साल का बेटा भी था. पुलिस की पूछताछ में वह कहानी सामने आई, जिसने हर किसी को भीतर तक हिला दिया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुतिन का स्वागत बहुत ही गर्मजोशी के साथ किया. इस मुलाकात की सबसे खास बात वह तोहफा था, जो प्रधानमंत्री मोदी ने अपने दोस्त पुतिन को दिया. डिनर के दौरान पीएम मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन को रूसी भाषा में लिखी श्रीमद्भगवद्गीता की एक प्रति भेंट की. यह उपहार उनकी दोस्ती और सम्मान को दर्शाता है. जानें कैसा रहेगा पुतिन का आज का शेड्यूल?







