अरविंद केजरीवाल की पत्नी को हाईकोर्ट से मिली राहत, निचली अदालत के समन पर लगाई रोक
AajTak
दिल्ली उच्च न्यायालय ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल को बड़ी राहत दी है. सुनीता केजरीवाल पर दो अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्रों के वोटर आई कार्ड रखकर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के प्रावधानों के कथित उल्लंघन का आरोप है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली. सुनीता केजरीवाल पर कथित तौर पर दो विधानसभा क्षेत्रों की मतदाता सूचियों में नाम दर्ज कराकर (दो वोटर आईडी कार्ड) कानून का उल्लंघन करने का आरोप है. हाईकोर्ट ने निचली अदालत द्वारा उन्हें मिले समन पर सोमवार को रोक लगा दी.
कोर्ट ने कही ये बात
न्यायमूर्ति अमित बंसल ने ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली सुनीता केजरीवाल की याचिका पर राज्य के साथ-साथ शिकायतकर्ता को भी नोटिस जारी किया है. इसमें सुनीता केजरीवाल से आरोप के संबंध में 18 नवंबर को अदालत में पेश होने के लिए कहा गया था. मामले पर अगली सुनवाई 1 फरवरी को होगी. कोर्ट ने आदेश दिया कि तब तक विवादित आदेश के क्रियान्वयन पर रोक रहेगी.
बीजेपी ने की थी शिकायत
भाजपा नेता हरीश खुराना ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री की पत्नी ने जन प्रतिनिधित्व (आरपी) अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन किया है. खुराना ने दावा किया कि सुनीता केजरीवाल ने यूपी के साहिबाबाद विधानसभा क्षेत्र (संसदीय क्षेत्र गाजियाबाद) और दिल्ली के चांदनी चौक विधानसभा क्षेत्र की मतदाता सूची में मतदाता के रूप में पंजीकृत किया गया था, जो कि आरपी अधिनियम की धारा 17 का उल्लंघन था.
सुनीता केजरीवाल ने दी ये दलील
केरल में ड्राइविंग के दौरान नियमों की धजी उड़ाने वाले शख्स पर कार्रवाई करते हुए मोटर व्हीकल विभाग ने तीन महीने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड कर दिया है. अलप्पुझा के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) आर. रामनन की जांच के बाद आरोपी पुजारी बैजू विंसेंट के खिलाफ कार्रवाई करते हुए तीन महीने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड कर किया गया है.
दिल्ली-कनाडा फ्लाइट को बीते सप्ताह उड़ाने की धमकी एक मेल के जरिए दी गई थी. इस मामले में पुलिस ने 13 साल के एक बच्चे को पकड़ा है. यह मेल बच्चे ने हंसी-मजाक में भेज दिया था. वह यह देखना चाहता था कि धमकी भरा मेल भेजने के बाद पुलिस उसे ट्रेस कर पाती है या नहीं. अब उसे जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सामने पेश किया जाएगा.
‘जिस घर में कील लगाते जी दुखता था, उसकी दीवारें कभी भी धसक जाती हैं. आंखों के सामने दरार में गाय-गोरू समा गए. बरसात आए तो जमीन के नीचे पानी गड़गड़ाता है. घर में हम बुड्ढा-बुड्ढी ही हैं. गिरे तो यही छत हमारी कबर (कब्र) बन जाएगी.’ जिन पहाड़ों पर चढ़ते हुए दुख की सांस भी फूल जाए, शांतिदेवी वहां टूटे हुए घर को मुकुट की तरह सजाए हैं. आवाज रुआंसी होते-होते संभलती हुई.