
अमेरिका से भारत को खुला सपोर्ट, अब चीन और खाड़ी देशों के सामने गिड़गिड़ाया पाकिस्तान
AajTak
पहलगाम में आतंकी हमले के बाद, पाकिस्तान ने वैश्विक समर्थन और भारत के खिलाफ मदद के लिए शक्तिशाली देशों से अपील की. हालांकि, अमेरिका और रूस सहित प्रमुख देशों ने हमले की निंदा की है और भारत का समर्थन किया है. अमेरिका ने भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन किया, जबकि पाकिस्तान को मुस्लिम देशों से भी पर्याप्त समर्थन नहीं मिला है.
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान दर-दर भटकर दुनियाभर के शक्तिशाली देशों के सामने घुटने टेककर खुद को भारत से बचाने की अपील कर रहा है. हालांकि, पाकिस्तान को कोई भी मुल्क खुलकर सपोर्ट नहीं कर रहा. भारत आगे क्या एक्शन लेगा इसे लेकर पाक में बौखलाहट है.
अमेरिका, रूस समेत ज्यादातर दुनियाभर के देशों ने आतंकी हमले की निंदा करते हुए भारत के प्रति समर्थन जाहिर किया है. गुरुवार (1 मई) को अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ और भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बीच फोन पर बातचीत हुई. जिसके बाद अमेरिका ने ऐलान किया कि वह भारत के रक्षा के अधिकार का समर्थन करता है.
वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान को मुस्लिम देशों से भी कुछ खास भाव नहीं मिल रहा है. पाक के विदेश मंत्री और अन्य कई मंत्री मुस्लिम देशों से गुहार लगा रहे हैं कि भारत को रोकें और पाकिस्तान की मदद करें. चीन को छोड़कर किसी भी बड़े मुल्क की ओर से पाक को अब तक समर्थन नहीं मिला है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने गुरुवार को चीनी राजदूत से मुलाकात की. इस दौरान भारत-पाक के बीच बढ़ते तनाव पर चर्चा हुई और चीन ने कहा है कि वह पाक की ओर से संप्रभुता की रक्षा के लिए उठाए गए कदमों का समर्थन करता है.
अमेरिका का समर्थन, भारत की बड़ी तैयारी
पाकिस्तान की सरपरस्ती में पल रहे उन दहशतगर्दों के खिलाफ, जिनके खात्मे के लिए अमेरिका ने भारत के समर्थन का एलान कर दिया है. अमेरिका का इशारा यही है कि अबकी बार भारत कुछ बड़ा करने वाला है. भारत क्या करेगा, इसे लेकर पहली बार अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने कुछ संकेत दिए हैं, जबकि अमेरिकी रक्षा मंत्री और विदेश मंत्रालय ने युद्ध की घड़ी में भारत के साथ खड़े होने का एलान कर दिया है. आखिर चीन के दम पर उछल रहे पाकिस्तान के पर कैसे अमेरिका ने काट दिए, क्यों अमेरिका के बयान के बाद चीन को 440 वोल्ट का करंट लगा है. आपको नीचे समझाते हैं.
यह भी पढ़ें: भारत के एक्शन से बौखलाया पाकिस्तान, सिंधु जल संधि सस्पेंड करने के खिलाफ भेजेगा नोटिस

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.







