
'अमेरिका गलत रास्ते पर चलता रहा तो...', ट्रंप के टैरिफ को लेकर फिर भड़का चीन
AajTak
रेयर अर्थ मिनरल्स 17 तरह के चुम्बकीय तत्व हैं जैसे लैंथेनम, नियोडिमियम और यूरोपियम आदि , जिनका उपयोग स्मार्टफोन, इलेक्ट्रिक कारों, कंप्यूटर चिप्स, सैन्य उपकरणों और ग्रीन एनर्जी के लिए किया जाता है. इन चीजों के ना होने से ऑटो समेत कई इंडस्ट्रीज प्रभावित होंगी. इलेक्ट्रॉनिक इंडस्ट्री तो ठप भी हो सकती है. दुनिया का 70 प्रतिशत से ज्यादा रेयर अर्थ चीन से आता है.
चीन के रेयर अर्थ मिनरल्स को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप खफा हैं. ये रेयर अर्थ मिनरल्स चीन और अमेरिका के बीच अब नए ट्रेड वॉर की वजह बन गए हैं. दरअसल चीन ने 12 तरह के रेयर अर्थ मिनरल्स के निर्यात पर रोक लगा दी है, जिससे बौखलाकर ट्रंप ने चीनी सामान पर 100 फीसद टैरिफ का ऐलान कर दिया. अब चीन ने अपने इस फैसले का बचाव करते हुए कहा कि उनका यह कदम वैश्विक शांति की रक्षा की दिशा में उठाया गया कदम है.
इतना ही नहीं, चीन ने अमेरिका को सीधे-सीधे चेतावनी भी दे दी है कि अगर अमेरिका, चीन के निर्यात पर 100 फीसदी टैरिफ पर अमल किया जाता है तो इसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा.
चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने अमेरिका पर राष्ट्रीय सुरक्षा की अवधारणा को अत्यधिक विस्तार देने और चीन के खिलाफ निर्यात नियंत्रण उपायों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया, जिसमें सेमीकंडक्टर क्षेत्र शामिल हैं.
चीन ने कहा टैरिफ बढ़ाने की धमकियां देकर चीन के साथ संबंध सुधरने के बजाए बिगड़ेंगे. ट्रेड वॉर पर हमारा रुख स्पष्ट है कि हम यह नहीं चाहते, लेकिन हम इससे डरते भी नहीं है.
चीन ने अमेरिका से अपनी गलतियों को तुरंत सुधारने का अनुरोध किया. साथ ही आपसी सम्मान के आधार पर व्यापारिक मतभेद भी सुलझाने की बात कही. बयान में ये भी कहा गया कि अगर अमेरिका गलत रास्ते पर चलता रहा तो चीन यकीनन अपने वैध अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए निश्चित रूप से निर्णायक कदम उठाएगा.
रेयर अर्थ मिनरल्स पर चीन का एकाधिकार है. चीन इन मिनरल्स का इस्तेमाल हथियार के तौर पर करता रहा है. अमेरिका खनन से रेयर अर्थ मिनरल्स को निकालता है, लेकिन उसके पास प्रोसेस करने की तकनीक नहीं है. कैलिफोर्निया में एक रेयर अर्थ मिनरल्स खदान है. अब यहां से जो भी खनिज निकलता है, उसे चीन भेजा जाता है ताकि रेयर अर्थ मिनरल्स को अलग किया जा सके.

यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन का आजतक से ये खास इंटरव्यू इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि इसमें पहली बार रूस ने ट्रंप की शांति कोशिशों को इतनी मजबूती से स्वीकारा है. पुतिन ने संकेत दिया कि मानवीय नुकसान, राजनीतिक दबाव और आर्थिक हित, ये तीनों वजहें अमेरिका को हल तलाशने पर मजबूर कर रही हैं. हालांकि बड़ी प्रगति पर अभी भी पर्दा है, लेकिन वार्ताओं ने एक संभावित नई शुरुआत की उम्मीद जरूर जगाई है.

अब लगभग चार घंटे बाकी हैं जब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत दौरे पर पहुंचेंगे. उनका विमान शाम 6 बजकर 35 मिनट पर दिल्ली एयरपोर्ट पर आएगा. करीब चार साल बाद पुतिन भारत आ रहे हैं, जो 2021 में भारत आने के बाद पहली बार है. इस बीच पुतिन के भारत दौरे से पहले MEA ने दोनों देशों के संबंध का वीडियो जारी किया है.

रूस के राष्ट्रपति पुतिन के गुरुवार को भारत दौरे को लेकर हलचल तेज हो चुकी है. इस बीच आजतक ने रूस में ही राष्ट्रपति पुतिन का एक्स्क्लूसिव इंटरव्यू लिया. इस दौरान उनसे अगस्त-सितंबर में चीन के तियानजिन में हुए 25वें शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के दौरान उस वायरल तस्वीर के बारे में पूछा गया, जिसमें उन्होंने वे प्रधानमंत्री मोदी के साथ कार में जाते हुए नजर आए थे. क्या था वो पूरा वाकया, जानने के लिए देखें वीडियो.

बांग्लादेश की आर्मी से रिटायर होने के बाद ब्रिगेडियर जनरल अब्दुल्लाहिल अमान आजमी का मुख्य काम भारत विरोध बन गया है. इस जनरल का मानना है कि भारत बांग्लादेश में अस्थिरता को बढ़ावा देता है. पाकिस्तान की 'ब्लीड इंडिया विद थाउजैंड कट्स' जैसी दूषित नीति से प्रभावित ये जनरल कहता है कि बांग्लादेश में तब तक शांति नहीं आ सकती, जबतक भारत के टुकड़े-टुकड़े न हो जाए.

पुतिन ने यूरोप पर अपनी नजर रखी है क्योंकि उन्हें डर है कि यूरोप शांति वार्ता को बिगाड़ सकता है. यूरोप लगातार रूस के खिलाफ युद्ध में उतरने के संकेत दे रहा है, जिस पर पुतिन ने कड़ी चेतावनी दी है. उन्होंने कहा है कि अगर यूरोप युद्ध में शामिल हुआ तो उसे रूस से ऐसी हार का सामना करना पड़ेगा जिससे यूरोप में शांति की बात करने वाला कोई बच नहीं पाएगा.








