अफ्रीकन यूनियन को G-20 में क्यों लाना चाहते हैं पीएम मोदी? समझें इसके मायने
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अफ्रीकन यूनियन को G-20 की सदस्यता का समर्थन किया है. उन्होंने G-20 देशों के नेताओं को चिट्ठी लिखकर अफ्रीकन यूनियन को सदस्य बनाने की प्रस्ताव दिया है. ऐसे में जानते हैं कि भारत अफ्रीकन यूनियन को G-20 का सदस्य क्यों बनाना चाहता है? इससे भारत को हासिल क्या होगा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने G-20 में अफ्रीकन यूनियन को भी शामिल करने का प्रस्ताव दिया है. उन्होंने G-20 देशों के नेताओं को एक चिट्ठी लिखी है, जिसमें अफ्रीकन यूनियन को भी इस संगठन का सदस्य बनाने की वकालत की है.
न्यूज एजेंसी ने आधिकारिक सूत्रों के हवाले से बताया है कि पीएम मोदी ने G-20 देशों के नेताओं को चिट्ठी लिखकर कहा है कि इस साल भारत में होने वाली समिट में अफ्रीकन यूनियन को भी सदस्यता दी जाए.
प्रधानमंत्री मोदी अफ्रीकी यूनियन को G-20 का सदस्य बनाने की अक्सर वकालत करते रहे हैं. यूरोपियन यूनियन की तरह ही अफ्रीकन यूनियन भी कई देशों का एक संघ है. अफ्रीकन यूनियन के 55 सदस्य देश हैं.
G-20 की अध्यक्षता अभी भारत के पास है. इस साल सितंबर में नई दिल्ली में G-20 समिट होनी है. भारत नवंबर 2023 तक G-20 का अध्यक्ष रहेगा.
अफ्रीकन यूनियन की वकालत क्यों?
हालांकि, ये पहली बार नहीं है जब अफ्रीकन यूनियन को G-20 में शामिल करने की बात उठी हो. पीएम मोदी से पहले अमेरिका, चीन, फ्रांस और जापान भी इसकी वकालत कर चुके हैं.