
अफगानिस्तान पर UNSC की आपात मीटिंग, हमले के बाद ब्रिटेन-US-फ्रांस ने क्या कहा?
AajTak
काबुल एयरपोर्ट, जहां से रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है वहां हुए हमले में करीब सौ लोगों की जान चली गई. अब इसी मसले पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यों की आपातकालीन बैठक बुलाई गई है.
अफगानिस्तान के काबुल में गुरुवार को हुए आतंकी हमले ने पूरी दुनिया को झकझोर दिया है. काबुल एयरपोर्ट, जहां से रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है वहां हुए हमले में करीब सौ लोगों की जान चली गई. अब इसी मसले पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यों की आपातकालीन बैठक बुलाई गई है. संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने सोमवार को इस बैठक को बुलाया है. जिसमें अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस और चीन शामिल होंगे, ये पांचों ही UNSC के स्थायी सदस्य हैं. संयुक्त राष्ट्र की ओर से पहले ही इस आतंकी हमले की निंदा कर दी गई है. भारत भी संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में इन आतंकी हमलों की निंदा कर चुका है और सभी देशों से आतंक के खिलाफ एकजुट होने की अपील कर चुका है. आतंकी हमले के बाद किसने क्या कहा?ब्रिटेन: ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इन आतंकी हमलों की निंदा की और कहा कि एक बार फिर हमने कई लोगों को गंवा दिया है. हालांकि, बोरिस जॉनसन ने ये भी कहा कि ब्रिटेन हमलों के बाद भी अपना रेस्क्यू ऑपरेशन नहीं रोकेगा.अमेरिका: राष्ट्रपति जो बाइडेन ने हमलों के बाद देश को संबोधित किया और आतंकियों को चुनौती दी की, उन्हें गलती की सज़ा जरूर मिलेगी. जो बाइडेन ने साफ किया कि आतंकियों को ढूंढकर मारा जाएगा. फ्रांस: राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों द्वारा कहा गया है कि आतंकी हमलों के बाद लोगों को निकालने में काफी दिक्कत हो रही है. क्योंकि धमाकों में अमेरिकी सेना को भी नुकसान पहुंचा है. ऐसे में हम सभी से एकजुट होने की अपील करते हैं.भारत: काबुल हमलों की भारत ने निंदा की है. भारत ने बयान जारी कर कहा है कि ये वक्त है जब दुनिया को एक बार फिर एकजुट होना होगा और आतंकी देशों, उन्हें समर्थन देने वालों के खिलाफ आवाज़ उठानी होगी. गौरतलब है कि अफगानिस्तान के काबुल में एयरपोर्ट पर गुरुवार को लगातार कई ब्लास्ट हुए और गोलीबारी हुई. इस हमले में 100 से अधिक लोगों की जान चली गई. जबकि 13 अमेरिकी सैनिकों की भी मौत हुई. तालिबान का कहना है कि उसके भी 28 लड़ाके मारे गए हैं.
आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के 'वर्ल्ड एक्सक्लूसिव' इंटरव्यू में दुनिया के बदलते समीकरणों और भारत के साथ मजबूत संबंधों के भविष्य पर खुलकर बात की. पुतिन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसी के दबाव में काम नहीं करते. उन्होंने भारत को विश्व विकास की आधारशिला बताया और स्पेस, न्यूक्लियर तकनीक समेत रक्षा और AI में साझेदारी पर जोर दिया.

पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान की सरकार ने बहुत कुछ किया है. और अब वो आतंकियों और उनके संगठनों को चिह्नि्त कर रहे हैं. उदाहरण के तौर पर इस्लामिक स्टेट और इसी तरह के कई संगठनों को उन्होंने अलग-थलग किया है. अफगानिस्तान के नेतृत्व ने ड्रग्स नेटवर्क पर भी कार्रवाई की है. और वो इस पर और सख्ती करने वाले हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि वहां जो होता है उसका असर होता है.

भारत दौरे से ठीक पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक को दिए अपने 100 मिनट के सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में भारत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, G8 और क्रिमिया को लेकर कई अहम बातें कही हैं. इंटरव्यू में पुतिन ने ना सिर्फ भारत की प्रगति की तारीफ की, बल्कि रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई देने का भरोसा भी जताया.

यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन का आजतक से ये खास इंटरव्यू इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि इसमें पहली बार रूस ने ट्रंप की शांति कोशिशों को इतनी मजबूती से स्वीकारा है. पुतिन ने संकेत दिया कि मानवीय नुकसान, राजनीतिक दबाव और आर्थिक हित, ये तीनों वजहें अमेरिका को हल तलाशने पर मजबूर कर रही हैं. हालांकि बड़ी प्रगति पर अभी भी पर्दा है, लेकिन वार्ताओं ने एक संभावित नई शुरुआत की उम्मीद जरूर जगाई है.






