अतीक अहमद के गुर्गे, पूजा पाल के आरोप और उमेश पाल का मर्डर... गैंग्स ऑफ प्रयागराज की उलझी हुई गुत्थी
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राजू पाल का कत्ल हो जाने के बाद उमेश पाल ने दो बार पाला बदला और इस मामले में कई उतार चढ़ाव भी आए. अब उमेश पाल के मर्डर का इल्जाम गुजरात की जेल में बंद पूर्व बाहुबली सांसद अतीक अहमद पर है. ऐसे में पूरी कहानी तीन परिवारों के बीच घूमती नजर आती है.
यूपी के चर्चित राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल को जिस तरह से दिनदहाड़े मौत के घाट उतार दिया गया, वो मंजर किसी फिल्म की कहानी से कम नहीं था. ठीक इसी तरह से उमेश पाल की कहानी भी काफी उलझी हुई थी. राजू पाल का कत्ल हो जाने के बाद उमेश पाल ने दो बार पाला बदला और इस मामले में कई उतार चढ़ाव भी आए. अब उमेश पाल के मर्डर का इल्जाम गुजरात की जेल में बंद पूर्व बाहुबली सांसद अतीक अहमद पर है. ऐसे में पूरी कहानी तीन परिवारों के बीच घूमती नजर आती है. आखिर क्या है ये पूरी कहानी? आइए आपको बताते हैं...
साल 2004 दरअसल, उमेश पाल की हत्या और उससे पहले की पूरी कहानी को समझने के लिए हमें करीब 19 साल पीछे जाना होगा. देश में आम चुनाव हो चुका था. यूपी की फूलपुर लोकसभा सीट से बाहुबली नेता अतीक अहमद ने समाजवादी पार्टी के टिकट पर जीत हासिल की थी. इससे पहले अतीक अहमद इलाहाबाद पश्चिम विधानसभा सीट से विधायक थे. लेकिन उनके सांसद बन जाने के बाद वो सीट खाली हो गई थी. कुछ दिनों बाद उपचुनाव का ऐलान हुआ. इस सीट पर हुए सपा ने सांसद अतीक अहमद के छोटे भाई अशरफ को अपना उम्मीदवार बनाया. लेकिन बहुजन समाज पार्टी ने अशरफ के सामने राजू पाल को अपना प्रत्याशी बनाकर चुनाव मैदान में उतार दिया. जब उपचुनाव हुआ तो चौंकाने वाले नतीजे सामने आए बसपा प्रत्याशी राजू पाल ने अतीक अहमद के भाई अशरफ को हरा दिया.
25 जनवरी 2005 उपचुनाव में अशरफ की हार से अतीक अहमद के खेमे में खलबली थी. लेकिन धीरे-धीरे मामला शांत हो चुका था. विधायक बन जाने के महज कुछ दिनों बाद ही राजू पाल ने पूजा के साथ शादी कर ली थी. मगर राजू पाल के विधायक बनने और शादी की खुशी ज्यादा दिन कायम ना रह सकी. पूजा के हाथों की मेहंदी अभी पूरी तरह से उतरी भी नहीं थी कि पहली बार विधायक बने राजू पाल की 25 जनवरी 2005 को दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई. इस हत्याकांड में देवी पाल और संदीप यादव नाम के दो लोगों की भी मौत हुई थी. जबकि दो अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इस सनसनीखेज हत्याकांड ने यूपी की सियासत में भूचाल ला दिया था.
पूजा पाल ने दर्ज कराया था मुकदमा इस हत्याकांड में सीधे तौर पर तत्कालीन सांसद अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ का नाम सामने आया था. दिन दहाड़े विधायक राजू पाल की हत्या से पूरा इलाका सन्न था. बसपा ने सपा सांसद अतीक अहमद के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. उसी दौरान दिवंगत विधायक राजू पाल की पत्नी पूजा पाल ने थाना धूमनगंज में हत्या का मामला दर्ज कराया था. उस एफआईआर में सासंद अतीक अहमद, उनके भाई अशरफ, खालिद अजीम को नामजद किया गया था. मामला दर्ज हो जाने के बाद पुलिस ने मामले की छानबीन शुरु कर दी थी.
6 अप्रैल 2005 विधायक राजू पाल हत्याकांड की जांच पड़ताल और छानबीन में जुटी पुलिस ने रात दिन एक कर दिया था. पुलिस ने इस हत्याकांड की विवेचना करने के बाद तत्कालीन सपा सांसद अतीक अहमद और उनके भाई समेत 11 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी.
मुख्य गवाह था उमेश पाल इस हाई प्रोफाइल मर्डर केस में राजू पाल की पत्नी पूजा पाल का चचेरा भाई उमेश पाल एक अहम चश्मदीद था. जब केस की छानबीन आगे बढ़ी तो उमेश पाल को धमकियां मिलने लगी थीं. अतीक के गुर्गे भी उसे डरा धमका रहे थे. उस वक्त उसने पुलिस और कोर्ट से सुरक्षा की गुहार भी लगाई थी.
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