
'अखिलेश यादव की ओर से 'तलाक' का इंतजार कर रहा हूं', मीटिंग में न बुलाए जाने पर बिफरे ओपी राजभर
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OP Rajbhar ने यूपी विधानसभा चुनाव में सपा के साथ गठबंधन किया था. उनकी पार्टी ने 19 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 6 में जीत दर्ज की थी.
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के अध्यक्ष ओपी राजभर अब सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की ओर से तलाक का इंतजार कर रहे हैं. हालांकि साथ में उनका ये भी कहना है कि वो अपनी ओर से गठबंधन तोड़ने की पहल नहीं करेंगे. यूपी के मऊ जिले में पार्टी की बैठक में उन्होंने कहा कि वह समाजवादी पार्टी से गठबंधन तोड़ने की खुद पहल नहीं करेंगे. वो अखिलेश की ओर से तलाक का इंतजार करेंगे.
अखिलेश यादव से नाराज ओपी राजभर ने कहा, 'मैं अभी तक समाजवादी पार्टी के साथ ही हूं. लेकिन अगर अखिलेश यादव नहीं चाहते हैं तो जबरदस्ती साथ नहीं बने रहेंगे'. बता दें कि यूपी विधानसभा चुनाव में ओपी राजभर की पार्टी एसबीएसपी और सपा का बड़े जोर-शोर से गठबंधन हुआ था. माना जा रहा था कि राजभर की वजह से संख्या में छोटी लेकिन सीटों पर गणित बिगाड़ने वाली राजभर और कई अन्य जातियों का वोट बीजेपी का गणित बिगाड़ सकती है. लेकिन नतीजों में ऐसा हो न सका. बीजेपी गठबंधन ने प्रचंड बहुमत के साथ चुनाव में जीत दर्ज की. इसके बाद से ही सपा गठबंधन में दरारें पड़ना शुरू हो गईं. सबसे पहले अखिलेश से उनके चाचा शिवपाल यादव नाराज हुए.
ओपी राजभर में काफी दिनों से बेचैन नजर आ रहे थे. लेकिन हाल ही में अखिलेश ने राष्ट्रपति चुनाव को लेकर एक बैठक बुलाई जिसमें सपा गठबंधन के सभी नेता शामिल थे लेकिन ओपी राजभर को नहीं बुलाया गया. अखिलेश के इस कदम से पूरी तरह से खार खाए बैठे ओपी राजभर ने कहा, 'अखिलेश यादव हो सकता है कि मुझे भूल गए हों, इसलिए कॉल नहीं किया.'
विधानसभा में 6 विधायक की संख्या वाली एसबीएसपी के नेता ओपी राजभर ने ये भी कहा है कि वो अब 12 जुलाई को फैसला करेंगे कि राष्ट्रपति चुनाव में किसका समर्थन किया जाए. हालांकि अखिलेश यादव और ओपी राजभर के संबंधों में तनाव का यह पहला मौका नहीं है. हाल ही में हुए आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा उपचुनाव में सपा की हार के बाद भी ओपी राजभर ने उन पर तंज कसा था. ओपी राजभर ने कहा कि अखिलेश यादव को जनता का समर्थन पाने के लिए एयर कंडीशन कमरे से बाहर आना चाहिए.
यूपी विधानसभा चुनाव में एसबीएसपी ने सपा के साथ मिलकर 19 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 6 में जीत दर्ज की. इससे पहले साल 2017 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने बीजेपी के साथ चुनाव लड़ा था और 4 सीटों पर जीत दर्ज की थी.

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