
Vidur Niti: असफल होने पर भी ऐसे लोग निराश नहीं होते, जानें क्या कहती है विदुर नीति
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विदुर नीति Suvichar: महात्मा विदुर अपने नीति शास्त्र में बताते हैं कि कैसे एक बुद्धिमान व्यक्ति असफल होने पर भी चिंता नहीं करते और उनकी सफलता का मार्ग क्या व कैसा होना चाहिए. आइए जानते हैं इसके बारे में...
महाभारत कालीन महात्मा विदुर बहुत ज्ञानी महापुरुष माने जाते हैं. उन्होंने राजधर्म और धर्मनीति का बड़ा ही व्यवहारिक विवेचन किया है. उनकी नीतियां आज भी प्रासंगिक हैं. महात्मा विदुर की नीतियां भारतीय दर्शन, अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष पर आधारित हैं. महात्मा अपने नीति शास्त्र (Vidur Niti) में बताते हैं कि कैसे एक बुद्धिमान व्यकित असफल होने पर भी चिंता नहीं करते और उनकी सफलता का मार्ग क्या व कैसा होना चाहिए. आइए जानते हैं इसके बारे में... तथैव योगविहितं यत्तु कर्म न सिध्यति । उपाययुक्तं मेधावी न तत्र गल्पयेन्मनः ।। इस श्लोक में महात्मा विदुर का कहना है कि किसी भी कार्य को करने लिए हमेशा अच्छे और सात्विक प्रयास करने चाहिए. इसके बाद भी अगर कार्य सिद्ध भी न हो तो व्यक्ति को किसी तरह का शोक नहीं करना चाहिए क्योंकि उस कार्य को करने में सद्प्रयास के बाद भी आप विफल रहे लेकिन आप किसी भी विपत्ति में नहीं पड़े और यह कम श्रेयस्कर नहीं है.
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