Video: जहां से कभी की थी पढ़ाई, वहीं स्कूल ड्रेस में पहुंचे थे General rawat
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जनरल चाहते थे कि देश की सेवा के बाद देश का भविष्य यानी बच्चों की नई पीढ़ी को बेहतर बनाए. उनका प्लान था सेवानिवृत्त होने के बाद एक स्कूल गढ़वाल में और एक स्कूल कुमाऊं में खोले, ठीक वैसे ही जैसे मेयो कॉलेज है. बच्चों से जनरल रावत को बहुत लगाव था, वो अक्सर स्कूली बच्चों से मिलने जाते थे, बच्चों से अपने अनुभव साझा करते. साल 2017 में जनरल बिपिन रावत School Dress पहनकर स्कूल पहुंचे थे. ये वही कैंब्रियन हाल स्कूल हैं, जहां उनकी प्रारंभिक पढाई हुई थी, यानी जब अपने स्कूल गए तो उसी स्कूल ड्रेस में. जनरल रावत बच्चों के लिए बेहतरीन स्कूल खोलना चाहते थे, लेकिन अब ये सपना कभी पूरा नहीं होगा. दरअसल वो चाहते थे कि बच्चों में राष्ट्र प्रेम की भावनाओं पैदा करने की जरूरत हैं, प्रारंभिक शिक्षा से ही बच्चों में राष्ट्र सेवा का भाव होना चाहिए.
बीजेपी की सीटें कम होने के कारणों का जिक्र करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा, 'जिसने भी यह '400 पार' का नारा लिखा, इस नारे में कोई बुराई नहीं है लेकिन यह अधूरा नारा है. '400 पार' तो है लेकिन किस लिए? उन्होंने इसे खुला छोड़ दिया. जैसे 2014 में नारा बना था, 'बहुत हुई महंगाई की मार, अबकी बार मोदी सरकार' तो उद्देश्य साफ था कि मोदी सरकार क्यों, क्योंकि महंगाई है.'
नायडू पहली बार लगभग 30 साल पहले 1995 में सीएम बने थे और 2004 तक सत्ता में बने रहे. हालांकि इसके बाद वह दिवंगत वाई एस राजशेखर रेड्डी से हार गए. एक दशक के बाद और तेलंगाना और शेष आंध्र प्रदेश में संयुक्त राज्य के विभाजन के बाद, नायडू 2014 में नए बने राज्य के पहले सीएम के तौर पर चुने गए थे. लेकिन 2019 में वह चुनाव हार गए. अब वह पांच साल के अंतराल के बाद नायडू फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे.
कंगना रनौत को थप्पड़ मारने वाली कुलविंदर कौर पर एक्शन तेज, सस्पेंशन के बाद अब इन धाराओं में FIR दर्ज
मंडी से लोकसभा चुनाव जीतकर 6 जून को कंगना रनौत दिल्ली लौट रही थीं कि चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर बवाल खड़ा हो गया. यहां सिक्योरिटी चेक के बाद CISF की एक महिला जवान कुलविंदर कौर ने उनको थप्पड़ मार दिया. कंगना रनौत की शिकायत CISF ने आरोपी महिला कर्मी को सस्पेंड कर दिया और अब FIR भी दर्ज करा दी है.
आज शाम की ताजा खबर (Aaj Ki Taza Khabar), 7 जून 2024 की खबरें और समाचार: खबरों के लिहाज से शुक्रवार का दिन काफी अहम रहा है. NDA की संसदीय दल की बैठक में नरेंद्र मोदी संसदीय दल के नेता चुने गए. इसके साथ ही वह राष्ट्रपति से मुलाकात करने वाले हैं. इसके अलावा महाराष्ट्र की राजनीति में फिर से उथल-पुथल हो सकती है.