Uttar Pradesh में OBC को क्यों साधने में जुटी हर पार्टी, आकड़े से समझिए
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दुनिया की सबसे बड़ी चुनावी सेना उत्तर प्रदेश की रणभूमि में उतर चुकी है. एक तरफ बीजेपी हैं और दूसरी तरफ विपक्ष. सियासी रण में बीजेपी के सबसे बड़े योद्धा हैं, नरेंद्र मोदी. वही नरेंद्र मोदी जो खुद पिछड़ी जाति से आते हैं. मोदी चुनावी प्रचार में सबसे बड़े ब्रॉड हैं और सबसे बड़े प्रचारक. दूसरे हैं अमित शाह, यानी बीजेपी के मुख्य रणनीतिकार और प्रचारक. तीसरे हैं बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, जो उत्तर प्रदेश के चुनावी दंगल की कमान संभाल रहे हैं. चौथे हैं योगी आदित्यनाथ, जो हिंदुत्व के प्रतीक हैं. बीजेपी के चुनावी शस्त्रागार में विपक्ष के खिलाफ सबसे अहम हथियार हैं,पिछड़ी जाति का समर्थन. आखिर यूपी में ओबीसी क्यों बड़ा फैक्टर है, समझें
जर्मनी से 35 दिन बाद वापस लौटने पर जेडीएस के निष्कासित सांसद रेवन्ना को बेंगलुरु एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया गया था. कर्नाटक पुलिस की एसआईटी ने कोर्ट से रेवन्ना की 14 दिनों की कस्टडी की मांग की थी. दोनों पक्षों की तरफ से अपनी-अपनी दलीलें दी गईं. लंबी-चौड़ी दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने रेवन्ना को 6 जून तक SIT हिरासत में भेज दिया है.
असम में चक्रवात रेमल के बाद लगातार बारिश के कारण 9 जिलों में बाढ़ की स्थिति से दो लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. 28 मई से राज्य में बाढ़, बारिश और तूफान में कुल मिलाकर छह लोगों की मौत हो गई है. वहीं मणिपुर का राजभवन भी बाढ़ के पानी से लबालब हो चुका है. अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि चक्रवात रेमल के बाद पिछले कुछ दिनों में हुई मूसलाधार बारिश के कारण मणिपुर के राजभवन में जलभराव हो गया है.
बार और रेस्टोरेंट्स की ओर से पेश वकील वीना थडानी ने तत्काल सुनवाई के लिए याचिकाओं का उल्लेख किया और कहा कि पुणे में हुई घटना के बाद से कुछ दस्तावेज प्रस्तुत न करने जैसे मामूली मुद्दों पर बार और रेस्टोरेंट्स के लाइसेंस निलंबित किए जा रहे हैं. थडानी ने कहा कि इन प्रतिष्ठानों को बलि का बकरा बनाया जा रहा है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने हाल ही में एक बयान दिया है कि उन्होंने धर्म के आधार पर आरक्षण की समीक्षा करने की बात कही है. उन्होंने यह भी जोड़ा कि अगर कहीं भी संविधान विरुद्ध कोई कार्य हो रहा है, तो उसकी समीक्षा की जाएगी. उन्होंने कहा कि ओबीसी के आरक्षण का लाभ ले रहे मुस्लिमों की समीक्षा करेंगे. यह बयान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की ओर से आरक्षण प्रणाली के बारे में एक महत्वपूर्ण बयान है.