
'USSR की वापसी या NATO पर हमले की बात बेवकूफी', क्रेमलिन ने खारिज किए यूरोप के दावे
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क्रेमलिन ने यूरोपीय नेताओं के दावों को खारिज किया कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सोवियत संघ को फिर से स्थापित करना चाहते हैं या नाटो पर हमला करने की योजना बना रहे हैं. पुतिन ने खुद कई बार कहा है कि नाटो पर हमला करना रूस के लिए बेवकूफी होगा, क्योंकि नाटो की सैन्य शक्ति रूस से कहीं अधिक है.
क्रेमलिन ने मंगलवार को कहा कि यूरोपीय नेताओं के ये दावे गलत हैं कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सोवियत संघ को फिर से स्थापित करना चाहते हैं, और यह कहना कि पुतिन किसी नाटो सदस्य देश पर हमला करेंगे, पूरी तरह 'बेवकूफी' है. पुतिन का जन्म सोवियत संघ में हुआ था. उन्होंने 2005 में कहा था कि सोवियत संघ का टूटना 20वीं सदी की सबसे बड़ी भू-राजनीतिक आपदा थी, क्योंकि लाखों रूसी गरीब हो गए थे और खुद रूस बिखरने के खतरे का सामना कर रहा था.
जर्मनी के चांसलर ने किया दावा
आलोचकों का कहना है कि आज का रूस सोवियत काल के ब्रेझनेव युग जैसी स्थिति से जूझ रहा है. पश्चिमी नेता कहते हैं कि अगर पुतिन यूक्रेन में जीतते हैं, तो एक दिन वे नाटो पर हमला कर सकते हैं. हालांकि पुतिन कई बार कह चुके हैं कि उनकी नाटो पर हमला करने की कोई योजना नहीं है और यह कदम रूस के लिए 'बेवकूफी' भरा होगा, क्योंकि नाटो की पारंपरिक सैन्य शक्ति रूस से कहीं ज्यादा है.
जर्मनी के चांसलर फ्रेडरिक मर्ज ने सोमवार को कहा था कि पुतिन 'पुराना सोवियत संघ' वापस लाना चाहते हैं और यूरोप को रूस के इरादों से खुद को बचाना होगा, जो उनके अनुसार रूसी की नीतियों और दस्तावेजों में 'नाटो पर हमले' के रूप में दर्ज हैं.
क्रेमलिन ने दावों को किया खारिज
जब मर्ज के बयानों पर पूछा गया तो क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा, 'यह सच नहीं है. व्लादिमीर पुतिन यूएसएसआर को बहाल करना नहीं चाहते, क्योंकि यह संभव ही नहीं है, और वे खुद ये बात कई बार कह चुके हैं.'

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