UP Elections 2022 में मथुरा को साधने के लिए क्यों BJP और SP बरकरार? समझें ब्रज मंडल का गणित
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उत्तर प्रदेश चुनाव में धर्म एक बड़ा मुद्दा बन चुका है. योगी सरकार का दावा है कि वो हिन्दू धर्म की पुनर्स्थापना कर रहे हैं और आगे भी हिंदू धर्म के लिए काम करते रहेंगे. उन्होंने ये भी कहा कि पहले की सरकारों ने हिंदू धर्म और उसकी अस्मिता को अनदेखा किया. इस बीच सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि क्या उत्तर प्रदेश चुनाव में जीत के लिए धर्म ही एक जरूरी चीज है? एक तरफ जहां राहुल गांधी हिंदू और हिंदुत्व में फर्क समझाते दिख रहे हैं तो दूसरी तरफ योगी सरकार हिन्दुओं के लिए लगातार काम करने का वादा कर रही है. बात धर्म पर ही नहीं टिकी बल्कि अब मथुरा पर भी सियासत तेज है. बीजेपी, समाजवादी पार्टी सभी मथुरा के मतदाताओं को साधने की कोशिश में लगे हैं. इस वीडियो में समझें ब्रज मंडल का गणित और चुनावी मैदान में धर्म का महत्व.
आज लोकसभा चुनाव 2024 की मतगणना है. इस बीच देशभर की वीआईपी सीटों पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं. इन 51 हॉट सीटों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वाराणसी सीट, कंगना रनौत की उम्मीदवारी वाली मंडी सीट, हेमा मालिनी की उम्मीदवारी वाली मथुरा सीट, अरुण गोविल की उम्मीदवारी वाली मेरठ सीट और शत्रुघ्न सिन्हा की उम्मीदवारी वाली आसनसोल सीट भी शामिल हैं.
राज्यपाल ने संकट में फंसे लोगों को तुरंत मदद देने के लिए एक क्विक रिस्पांस टीम का गठन भी किया है. उन्होंने कहा कि ज़रूरतमंद लोगों को आवास और परिवहन भी मुहैया कराया जाएगा. राज्यपाल ने सभी लोगों से संयम बरतने और उपद्रवियों की ओर से शांति भंग करने या संभावित हिंसा के बारे में किसी भी जानकारी की सूचना राजभवन को देने की अपील की है.
मनाली के ब्यास नदी के पास उत्तर प्रदेश की रहने वाली दो महिलाएं सेल्फी ले रही थी. पैर फिसलने से दोनों ब्यास नदी में डूब गईं और दोनों की मौत हो गई. पुलिस का कहाना है कि उत्तर प्रदेश के बागपत की रहने वाली आंचल का शव घटनास्थल से कुछ दूरी पर बरामद किया गया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया. दूसरी महिला का पता लगाने के लिए बचाव अभियान जारी है.
झारखंड के डीजीपी (DGP) अजय कुमार सिंह ने राजधानी रांची की कानून व्यवस्था को बेहतर करने को लेकर समीक्षा बैठक की. बैठक में रांची जोन के आईजी, डीआईजी, एसएसपी, सिटी एसपी समेत अन्य पुलिस पदाधिकारी शामिल हुए. इस दौरान डीजीपी ने कहा है कि झारखंड में पहली बार सभी 14 सीटों पर हिंसा के बिना मतदान संपन्न हुआ है.
सुकमा में 17 लाख के इनामी 5 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है. उसने राज्य सरकार की ओर से चलाए जा रहे पुनर्वास योजना का लाभ दिया गया है. सभी का कहना है कि वे लोग माओवादी विचारधारा से पूरी तरह ऊब चुके थे. इस कारण उसने सरेंडर करने का निर्णय लिया. वहीं, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट उनका स्वागत किया है.