UP: पोलिंग बूथ 7 KM दूर, गांव वालों ने किया पंचायत चुनाव का बहिष्कार
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त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का आगाज हो चुका है. प्रत्याशी वोट लेने के लिए लोकलुभावने वादे करते नहीं थक रहे हैं. लेकिन रामपुर के एक गांव के लोग इस बार मतदान नहीं करेंगे. गांववालों ने मतदान के बहिष्कार का ऐलान कर दिया है.
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का आगाज हो चुका है. प्रत्याशी वोट लेने के लिए लोकलुभावने वादे करते नहीं थक रहे हैं. लेकिन रामपुर के एक गांव के लोग इस बार मतदान नहीं करेंगे. गांव वालों ने मतदान के बहिष्कार का ऐलान कर दिया है. क्योंकि इस गांव में 375 वोट होने के बावजूद कोई पोलिंग बूथ नहीं है और निकटतम पोलिंग बूथ गांव से करीब 7 किलोमीटर की दूरी पर है. जहां पर बुजुर्गों और महिलाओं का पहुंचना मुश्किल है. (फोटो- आमीर खान) लोग पिछले कई सालों से रेहटगंज गांव के लोग मतदान करने के लिए बूथ बनाने की मांग कर रहे हैं. लेकिन शासन और प्रशासन की कान पर जूं तक नहीं रेंग रहा है. थक हार कर इन लोगों ने इस वोट न डालने का फैसला किया है. गांव के सभी लोग ने एक सुर में पंचायत चुनाव का बहिष्कार किया है और उन्होंने साथ ही यह भी नारा लगाया है, बूथ नहीं तो वोट नहीं. गांव वालों की मांग है कि मतदान केंद्र उनके गांव में बनाया जाए जिससे वो आसानी से अपने मत अधिकार का इस्तेमाल कर सकें.राजकोट के टीआरपी गेमजोन में लगी आग से 28 लोगों की जलकर मौत हो गई थी. मृतकों के शव इतनी बुरी तरह से जल गए थे कि उनकी पहचान तक मुश्किल थी. ऐसे में गेमजोन के एक मालिक की जलकर मौत होने का दावा किया गया था. इसके लिए मिले अवशेषों के डीएनए सैंपल का मिलान गेम जोन के मालिकों की मां से किया गया. इसमें से एक सैंपल मैच हुआ है. इससे यह पुष्टि की गई कि मालिक प्रकाश हिरन की भी जलकर मौत हो गई थी.
हिट एंड रन की ये घटना 19 मई की है. पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 साल आठ महीने के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई थी. इस घटना के 14 घंटे बाद नाबालिग आरोपी को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी. हालांकि बाद में आरोपी को फिर से कस्टडी में लेकर जुवेनाइल सेंटर भेज दिया गया.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.