UP: गोरखपुर के साथ वाराणसी और प्रयागराज में भी चलेगा सी-प्लेन
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केंद्र सरकार ने देश में 100 सी-प्लेन चलाने की घोषणा की है. इसी के तहत गोरखपुर के रामगढ़ ताल में सी-प्लेन चलाने की कवायद तेज हो गई है. गोरखपुर, वाराणसी और प्रयागराज के बीच सी-प्लेन चलाने की जिम्मेदारी स्पाइस जेट को दी गई है.
उत्तर प्रदेश का गोरखपुर शहर पहले से ही पर्यटकों और श्रद्धालुओं पसंदीदा स्थल रहा है. योगी सरकार में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई और आयाम गढ़े जा रहे हैं. इस कड़ी में गोरखपुर में अहमदाबाद की तर्ज पर सी-प्लेन चलाने की कवायद तेज कर दी गई है.
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट रामगढ़ ताल में सी-प्लेन चलाने को लेकर शासन से अगले महीने मंजूरी मिल सकती है. यह सी-प्लेन गुरु गोरखनाथ की नगरी रामगढ़ ताल से बाबा विश्वनाथ की नगरी होते हुए प्रयागराज संगम तक चलाया जाएगा. गोरखपुर, वाराणसी और प्रयागराज के बीच स्पाइस जेट को सी-प्लेन चलने की जिम्मेदारी दी गई है.
गोरखपुर में सी-प्लेन को धरातल पर उतारने की योजना जीडीए ने बनाई है. इससे गोरखपुर में पर्यटकों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है. माना जा रहा है कि इससे यहां निवेश बढ़ेगा और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी विकसित होंगे. केंद्र सरकार ने उड़ान योजना के तहत देश में 100 सी-प्लेन चलाने की घोषणा की है. पहले चरण में स्पाइसजेट को 18 जगहों पर सी-प्लेन चलाने की अनुमति मिली है.
गोरखपुर, वाराणसी और प्रयागराज के बीच स्पाइस जेट को सी-प्लेन चलाने की जिम्मेदारी मिली है. गोरखपुर से वाराणसी की दूरी करीब 200 किलोमीटर है. हवाई मार्ग से यह दूरी बेहद कम है, जिसे पूरा करने में करीब 50 मिनट का समय लगेगा. वाराणसी से प्रयागराज की दूरी 125 किलोमीटर है, जिसे हवाई मार्ग से पूरा करने में 30 मिनट का समय लगेगा.
देश में पहला सी-प्लेन गुजरात के अहमदाबाद में साबरमती रिवर फ्रंट से केवड़िया तक चलाया जा रहा है. जीडीए के वीसी प्रेम रंजन सिंह ने बताया कि सी-प्लेन के लिए पानी में हवाई अड्डा की जगह को चिह्नित कर लिया गया है. सी-प्लेन के लिए जितने भी मानक तय किए गए हैं, वे सभी मानक रामगढ़ ताल में पूरे हो रहे हैं.
(रिपोर्ट- विनीत पांडे)
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