UN प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस ने जताई चिंता, कहा- 'दुनिया पर मंडरा रहा बड़ा खतरा'
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संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने दुनिया के हालातों पर चिंता जताते हुए कहा कि हमारी धरती खतरे में हैं. लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं है. गुटेरेस ने कहा कि किसी को कोई भ्रम नहीं रहना चाहिए. ये संकट इतने बड़े हैं कि धरती को बुरी तरह से प्रभावित कर देंगे. उन्होंने कहा कि हम एक ऐसी दुनिया में रहते हैं, जहां सहयोग और संवाद एकमात्र रास्ता है. कोई भी शक्ति या समूह अकेले नहीं लड़ सकता.
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने वैश्विक हालातों पर चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय फिलहाल इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है. गुटेरेस ने बैठक के दौरान दुनिया पर मंडरा रहे संकटों के बारे में बताते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन, भूख, संघर्ष, वित्तीय संकट, मानवाधिकारों का उल्लंघन, वैश्विक विभाजन सरीखी कई समस्याएं हैं जिन पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. उन्होंने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि लगता है कि वैश्विक समुदाय इन बड़ी चुनौतियों से निपटने के लिए या तो तैयार नहीं हैं या फिर इच्छुक नहीं हैं.
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस ने चेतावनी देते हुए कहा कि दुनिया पैरालाइज्ड होती जा रही है, अभी भी समय है बचा लो. गुटेरेस ने कहा कि किसी को कोई भ्रम नहीं रहना चाहिए. ये संकट इतने बड़े हैं कि धरती को बुरी तरह से प्रभावित कर देंगे. लगातार असमानताएं बढ़ती जा रही हैं, विश्वास गिरता जा रहा है. हमारी धरती जल रही है, लोग खतरे में आ रहे हैं. सबसे कमजोर लोग ज्यादा भुगत रहे हैं.
हमारे भविष्य और धऱती को खतरे में डाल रहे ये संकट
ये संकट मानवता के भविष्य और हमारी धरती को खतरे में डाल रहे हैं. उन्होंने कहा कि यूक्रेन में हुए युद्ध का संकट पूरी दुनिया झेल रही है. इसी तरह जलवायु परिवर्तन और जैव विविधता को लगातार नुकसान पहुंच रहा है. गुटेरेस ने कहा कि हमारी दुनिया संकट में है. और लकवाग्रस्त हो रही है. भू -राजनीतिक विभाजन, सुरक्षा परिषद के काम को प्रभावित कर रहे हैं. अंतर्राष्ट्रीय कानून को प्रभावित कर रहे हैं. ट्रस्ट और डेमोक्रेटिक संस्थानों में लोगों के विश्वास को कम कर रहे हैं. अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के सभी रूपों को कम कर रहे हैं. हम इस तरह नहीं जी सकते.
हम समाप्त होने का जोखिम उठा रहे
गुटेरेस ने दुनिया के नेताओं को बताया कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के कुछ सदस्यों द्वारा बहुपक्षीय प्रणाली के बाहर स्थापित विभिन्न समूहों ने जी -20 की तरह भू-राजनीतिक विभाजन के जाल बिछा दिए हैं. उन्होंने कहा कि कभी अंतर्राष्ट्रीय संबंध जी -2 दुनिया की ओर बढ़ रहे थे. लेकिन अब हम समाप्त होने का जोखिम उठा रहे हैं. इसे बचाने में कोई सहयोग नहीं कर रहा है. किसी भी तरह का कोई संवाद नहीं हो रहा है. न ही किसी तरह का कोई सामूहिक हल निकाल जा रहा है.