'RCP को बिहार का 'शिंदे' नहीं बना पाई BJP, नीतीश ने चला धोबी पछाड़ दांव', शिवसेना का तंज
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सामना ने गुरुवार को अपने संपादकीय में लिखा- 'केंद्रीय मंत्रिमंडल में 'जेडीयू' के राज्यसभा सदस्य आरसीपी सिंह को नीतीश कुमार की इच्छा के विरुद्ध शामिल किया गया, लेकिन सिंह को समर्थन देकर भाजपा बिहार में नीतीश कुमार को अस्थिर करना चाहती थी. ये संज्ञान में आते ही नीतीश कुमार ने दिल्ली से संपर्क ही तोड़ दिया.
शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में बिहार के महागठबंधन का खुलकर समर्थन किया गया है. इसके साथ ही बीजेपी पर निशाना साधा है. वहीं, हाल ही में जेडीयू छोड़ने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री रामचंद्र प्रसाद सिंह (RCP) को बिहार का 'शिंदे' बताकर तंज कसा है.
सामना ने गुरुवार को अपने संपादकीय में लिखा- 'बिहार में एक बार फिर राजनीतिक उथल-पुथल हुई है. बिहार में भी महाराष्ट्र की ही तरह 'शिंदे' गुट अलग करके भाजपा के दिल्लीश्वर नीतीश कुमार को मात देने की साजिश रच रहे थे. उसके लिए नीतीश कुमार के 'शिंदे' आरसीपी सिंह को मोहरा बनाकर खात्मे का खेल शुरू ही किया गया था, लेकिन नीतीश कुमार ने भाजपा को ही धोबी पछाड़ देने वाली पलटी मारी. बिहार में भाजपा के साथ युति तोड़ने का एलान 'जेडीयू' ने मंगलवार को किया.'
बीजेपी पर उलटा पड़ गया दांव
'नीतीश कुमार ने मंगलवार को राज्यपाल को इस्तीफा सौंपा. बुधवार को नीतीश ने मुख्यमंत्री पद की तो 'राजद' के तेजस्वी यादव ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली. इस नई 'महागठबंधन' सरकार में जदयू, राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस समेत अन्य घटक दल शामिल हैं. भारतीय जनता पार्टी के विश्वासघाती होने का मत 'जेडीयू' ने व्यक्त किया है. भाजपा नीतीश कुमार की पार्टी में ही सेंधमारी करने चली थी. लेकिन वह खेल भाजपा पर ही उलट गया.'
बीजेपी ने नीतीश के उम्मीदवारों को हराने का प्रयास किया
'महाराष्ट्र के मंत्रिमंडल का रुका हुआ पालना थोड़ा हिलने लगा. इसी दौरान बिहार में उनकी सत्ता के पालने की डोर टूट गई. बीते विधानसभा चुनाव में भाजपा, जेडीयू का गठबंधन था लेकिन चुनाव में नीतीश कुमार के उम्मीदवारों को हराने का प्रयास भाजपा ने किया, इसलिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 'जेडीयू' को भाजपा से कम सीटें मिलीं और भाजपा ने मेहरबानी खाते में नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री का पद दिया, ऐसी तस्वीर निर्माण की गई.'
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