Pig Heart Transplant: इंसान में लगाया था सूअर का दिल, हार्ट ट्रांसप्लांट नहीं, ये हो सकता है मौत का कारण!
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Animal virus detected: मैरीलैंड निवासी 57 साल के डेविड बेनेट (David Bennett) को जनवरी 2022 में सुअर का हार्ट ट्रांसप्लांट किया गया था और 2 महीने बाद उसकी मौत हो गई थी. हाल ही में एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें बताया गया है कि सुअर के हार्ट में एक वायरस मिला है.
Pig Heart Transplant: अमेरिका के डॉक्टर्स की टीम ने जनवरी 2022 में एक इंसान के शरीर में सूअर का दिल ट्रांसप्लांट किया था और कामयाबी हासिल की थी. लेकिन 2 महीने बाद यानी मार्च 2022 में उस व्यक्ति की मौत हो गई थी. डॉक्टर्स ने उस समय व्यक्ति की मौत की सही वजह नहीं बताई थी. उन्होंने केवल यह कहा कि डेविड की हालत कई दिन पहले ही बिगड़नी शुरू हो गई थी. 7 जनवरी 2022 को यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड मेडिसिन के डॉक्टर्स ने ये सर्जरी की थी. व्यक्ति की मौत के बाद से रिसर्चर्स ये जानने में लगे थे कि आखिर उस व्यक्ति की मौत कैसे हुई? हाल ही में एक रिपोर्ट सामने आई है जिसमें बताया गया है कि जो हार्ट बेनेट को लगाया गया था, उसमें एक एनिमल वायरस पाया गया है. ये बेनेट की मौत का कारण हो सकता है. हालांकि, अभी तक पूरे दावे के साथ यह नहीं कहा जा रहा है. ट्रांसप्लांट किए गए हार्ट में इस वायरस की पुष्टि की रिपोर्ट एमआईटी टेक्नोलॉजी ने की थी.
सूअर के दिल में मिला वायरस
डॉक्टरों ने 57 साल के डेविड बेनेट में जेनेटिकली मॉडिफाइड सूअर का दिल लगाया था. अब मैरीलैंड यूनिवर्सिटी के डॉक्टर्स ने बताया कि सूअर के दिल के अंदर एक वायरस मिला है, जिसे पोर्सिन साइटोमेगालोवायरस (Porcine cytomegalovirus) कहा जाता है. लेकिन हार्ट ट्रांसप्लांट के वक्त डॉक्टरों को वायरस संक्रमण के कोई संकेत नहीं मिले थे.
बेनेट का हार्ट ट्रांसप्लांट करने वाले सर्जन डॉ. बार्टली ग्रिफिथ के मुताबिक, कुछ वायरस छिपे हुए होते हैं. जिसका मतलब है कि वे बीमारी पैदा किए बिना शरीर में रहते हैं. हो सकता है कि बेनेट की मौत का कारण यह वायरस हो लेकिन अभी इसकी जांच चल रही है. अगर बेनेट की मौत वायरस वाले हार्ट से हुई थी तो यह भी कहा जा सकता है कि जिस हार्ट में वायरस नहीं होगा, वह लंबे समय तक इंसान के शरीर में धड़क सकता है.
यूनिवर्सिटी के जेनोट्रांसप्लांट इवेंट के वैज्ञानिक और डायरेक्टर डॉ. मुहम्मद मोहिउद्दीन के मुताबिक, इस तरह के वायरस हमारे रडार से छूट ना जाएं, इसके लिए ज्यादा सटीक टेस्ट किए जाने की जरूरत है.
इस कारण लगाया था सुअर का दिल
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