PFI पर बैन का मुस्लिम संगठन ने किया स्वागत, बसपा सांसद बोले- BJP को था राजनीतिक खतरा
AajTak
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अनलॉफुल एक्टिविटी प्रिवेन्शन एक्ट (UAPA) के तहत PFI पर 5 साल का बैन लगा दिया है. इसको लेकर जहां एक तरफ विपक्षी पार्टियां सवाल उठा रही हैं तो वहीं अखिल भारतीय पसमांदा मुस्लिम महाज ने प्रतिबंध का स्वागत किया है.
केंद्र सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी PFI और उससे जुड़े 8 संगठनों पर 5 साल का प्रतिबंध लगा दिया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अनलॉफुल एक्टिविटी प्रिवेन्शन एक्ट (UAPA) के तहत ये बैन लगाया गया है. इसको लेकर जहां एक तरफ विपक्षी पार्टियां सवाल उठा रही हैं तो वहीं अखिल भारतीय पसमांदा मुस्लिम महाज ने प्रतिबंध का स्वागत किया है.
बयान जारी करते हुए अखिल भारतीय पसमांदा मुस्लिम महाज ने कहा कि पीएफआई के विरुद्ध एनआई द्वारा लगातार की जा रही छापेमारी में जो तथ्य सामने आए हैं, उससे यह जगजाहिर हो गया है कि संगठन देश के भीतर सामाजिक सौहार्द एवं भाईचारे के विरुद्ध कार्य कर रह है. देश में पीएफआई के अतिरिक्त अन्य सामाजिक संगठन जो अपने आप को देशहित की दुहाई दे रहे हैं, उन्हें भी देश की अखंडता एवं संप्रभुता के विरुद्ध कार्य करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.
बसपा सांसद ने किया बैन का विरोध
PFI और इसके सहयोगी संगठनों पर प्रतिबंध लगाए जाने पर असदुद्दीन ओवैसी और सपा नेता शफीकुर्रहमान बर्क समेत तमाम विपक्षी नेताओं के बाद अब बसपा सांसद हाजी फजलुर्रहमान ने भी इसका विरोध किया है. दरअसल, सहारनपुर से बसपा सांसद हाजी फजलुर्रहमान ने कहा कि बीजेपी को पीएफआई से राजनीतिक खतरा था, इसीलिए इसे बैन किया है.
22 सितंबर को हुई थी ताबड़तोड़ छापेमारी
गौरतलब है कि NIA, ED और राज्यों की पुलिस ने 22 सितंबर और 27 सितंबर को PFI पर ताबड़तोड़ छापेमारी की थी. पहले राउंड की छापेमारी में 106 PFI से जुड़े लोग गिरफ्तार हुए थे. दूसरे राउंड की छापेमारी में 247 PFI से जुड़े लोग गिरफ्तार-हिरासत में लिए गए. जांच एजेंसियों को PFI के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले. इसके बाद जांच एजेंसियों ने गृह मंत्रालय से कार्रवाई की मांग की थी. जांच एजेंसियों की सिफारिश पर गृह मंत्रालय ने PFI पर बैन लगाने का फैसला किया.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.

देश की किफायत विमानन कंपनी इंडिगो का ऑपरेशनल संकट जारी है. इंडिगो को पायलट्स के लिए आए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को लागू करने में भारी दिक्कत आ रही है. इस बीच आज इंडिगो की 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गई है, जिस पर कंपनी के सीईओ का पहला बयान सामने आया है. इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने इंडिगो ऑपरेशनल संकट पर पहली बार बयान देते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से विमानन कंपनी के कामकाज में दिक्कतें आ रही हैं. कंपनी का कामकाज पांच दिसंबर को सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. आज 100 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हुई हैं.

संसद के शीतकालीन सत्र में 8 और 9 दिसंबर 2025 को राष्ट्रगीत वंदे मातरम् पर दोनों सदनों में विशेष चर्चा होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री इस चर्चा को संबोधित करेंगे. चर्चा का उद्देश्य वंदे मातरम् के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, ऐतिहासिक महत्व और वर्तमान प्रासंगिकता को उजागर करना है.

भारत-रूस बिजनेस फोरम में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं और दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निर्धारित किया है. राष्ट्रपति पुतिन के साथ चर्चा में यह स्पष्ट हुआ कि व्यापार लक्ष्य समय से पहले पूरा किया जाएगा. कई क्षेत्रों जैसे लॉजिस्टिक्स, कनेक्टिविटी, मरीन प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल, फार्मा, और टेक्सटाइल में सहयोग को आगे बढ़ाया जा रहा है.

जम्मू-कश्मीर के 711 अग्निवीर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर में इन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद ये अग्निवीर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात होंगे. इससे न केवल भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है.







