NCB का खेल और उल्टा पड़ा दांव... अब अपने ही टॉप अफसरों के खिलाफ कोर्ट गए समीर वानखेड़े
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विवादों में घिरे IRS अफसर समीर वानखेड़े ने 17 मई को दिल्ली हाईकोर्ट में एक क्रिमिनल पिटिशन दाखिल की थी. उनकी इस याचिका पर सुनवाई के बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने 22 मई तक समीर वानखेड़े की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है.
सुपरस्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान का नाम जिस क्रूज ड्रग्स मामले में घसीटा गया था, वही केस लगभग डेढ़ साल बाद एक बार फिर से सुर्खियों में है. लेकिन इस बार इसकी वजह आर्यन खान नहीं, बल्कि खुद एनसीबी के वो अफसर हैं, जो कहीं ना कहीं आर्यन की गिरफ्तारी से जुड़े हुए थे. इनमें सबसे पहला नाम नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के तत्कालीन जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े का है.
समीर वानखेड़े की गिरफ्तारी पर रोक आईआरएस अधिकारी समीर वानखेड़े के खिलाफ सीबीआई ने आर्यन केस में शाहरुख खान के परिवार से 25 करोड़ रुपये की सौदेबाजी करने के मामले में 12 मई को एफआईआर दर्ज की है. समीर वानखेड़े को 18 मई यानि गुरुवार को सीबीआई के सामने पेश होना था. अंदेशा जताया जा रहा था कि इस दौरान सीबीआई उन्हे गिरफ्तार कर सकती है. इसी अंदेशे के तहत समीर वानखेड़े ने 17 मई को दिल्ली हाईकोर्ट में एक क्रिमिनल पिटिशन दाखिल की थी. उनकी इस याचिका पर सुनवाई के बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने 22 मई तक समीर वानखेड़े की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है.
NCB के टॉप अफसरों पर सनसनीखेज़ इल्जाम इसके साथ ही ये भी साफ हो गया है कि अब समीर वानखेड़े 18 मई को सीबीआई के सामने पेश नहीं हुए. पर ये कहानी का एक पहलू है. जैसा शुरु में कहा था कि डेढ़ साल बाद आर्यन केस एक बार फिर जिंदा होने जा रहा है. उसकी वजह समीर वानखेड़े की तरफ से दिल्ली हाईकोर्ट में दर्ज वही क्रिमिनल पिटिशन है जिसमें उन्होंने एनसीबी के तमाम टॉप अफसरों पर बेहद सनसनीखेज़ इल्जाम लगाए हैं. वो भी उन तमाम व्हट्सऐप चैट के सबूतों के साथ जो आर्यन की गिरफ्तारी के वक्त और उसके बाद समीर वानखेड़े और एनसीबी के उनके 4 सीनियर अफसरों के साथ हुए थे. इनमें एनसीबी के डायरेक्टर एस. एन. प्रधान का नाम भी शामिल है.
वानखेड़े और टॉप अफसरों के बीच चैटिंग आज तक के पास वो तमाम व्हटसऐप चैट मौजूद हैं, जो 2 अक्टूबर की रात से लेकर अगले कई दिनों तक एनसीबी के 5 टॉप अफसरों के बीच हुए थे. ये 5 अफसर हैं समीर वानखेड़े जिनकी टीम ने आर्यन के साथ 2 अक्टूबर को 14 और लोगों को गिरफ्तार किया था. मूथा अशोक जैन जो उस वक्त समीर वानखेड़े के डायरेक्ट बॉस थे. लेकिन छुट्टी पर थे. ज्ञानेश्वर कुमार सिंह जो मूथा अशोक जैन की जगह पर तब समीर वानखेड़े के डायरेक्ट बॉस थे. संजय सिंह जो उस वक्त एनसीबी के ऑल इंडिया ऑपरेशनल हेड थे और पांचवें एनसीबी के डायरेक्टर एस.एन. प्रधान.
आर्यन को भेजने वाले थे न्यायिक हिरासत में दिल्ली हाईकोर्ट में दर्ज समीर वानखेड़े की याचिका के मुताबिक 2 अक्टूबर 2021 को आर्यन खान समेत बाकि 14 लोगों की गिरफ्तारी की खबर उनके इन चारों बॉस को थी. इतना ही नहीं वो क्रूज पर रेड और गिरफ्तारी की हर छोटी बड़ी खबर तब अपने आला अफसरों को दे रहे थे. इतना ही नहीं आर्यन की गिरफ्तारी की इजाजत भी खुद डीजी ने दी थी. दिल्ली हाई कोर्ट में दर्ज याचिका में समीर वानखेड़े ने एक व्हटसऐप चैट का हवाला देते हुए ये सनसनीखेज़ इल्जाम लगाया है कि आर्यन की गिरफ्तारी के बाद एक दिन के लिए एनसीबी की हिरासत में रखने के बाद वो उसे ज्यूडिशियल कस्टडी यानि न्यायिक हिरासत में भेजने वाले थे.
वानखेड़े के मोबाइल पर आया था खास मैसेज यही वजह है कि 4 अक्टूबर को जब आर्यन को कोर्ट में पेश किया गया तब एनसीबी का स्टैंड यही था कि अब वो आर्यन की पुलिस हिरासत नहीं मांगेगी. व्हटसऐप चैट के मुताबिक समीर वानखेड़े ने ये जानकारी अपने बॉसेस को भी दे दी थी. और इसी हिसाब से आर्यन को लेकर वो 4 अक्टूबर को कोर्ट भी पुहंचे थे. पर कोर्ट पहुंचने के बाद जिस वक्त जिरह चल रही थी तभी छुट्टी पर गए उनके बॉस मूथा अशोक जैन के 6 मिस कॉल आए थे. जब समीर वानखेड़े ने फोन नहीं उठाया तब अशोक जैन ने उन्हें मैसेज किया. मैसेज में लिखा था कि एसएसपी यानि स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर और श्रष्ठ से कहो कि वो रिमांड के लिए ज़ोरदार कोशिश करे. अगला मैसेज था कि ये डीजी का हुक्म है. डीजी यानि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के टॉप बॉस डायरेक्टर जनरल एस. एन. प्रधान.
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