
MSP देने से क्यों इनकार किया था UPA सरकार ने, शिवराज के सवालों में कितना दम?
AajTak
MSP की गारंटी पर आए एक सवाल के जवाब में कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मनमोहन सरकार को लपेटे में लिया. शिवराज ने तत्कालीन यूपीए सरकार के एक कैबिनेट नोट और तत्कालीन तीन मंत्रियों के बयान से एमएसपी लागू करने की कठिनाइयों के बारे में जो बताया वो आंख खोलने वाली है.
देश की संसद में शुक्रवार को देश के कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने MSP की गारंटी को लेकर यूपीए सरकार के जिस कैबिनेट नोट की चर्चा की, दरअसल वही हकीकत है. कोई भी सरकार एमएसपी की गारंटी देने से क्यों बचती है इसे यूपीए सरकार के मंत्रियों ने जो जवाब दिए उसे ही आज सही माना जा सकता है. क्योंकि सरकार की बातों पर डिमांड करने वालों को भरोसा नहीं होता है. खुद प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी जिस तरह किसान नेताओं को आश्वासन पर आश्वासन दिए जा रहे हैं उन्हें भी समझना होगा कि यह किसानों को झूठी दिलासा दिलाना ठीक नहीं है. दरअसल किसान नेता हों या राजनीतिक दल, पक्ष हो विपक्ष किसी को भी किसानों की भलाई से मतलब है ही नहीं. सभी अपनी अपनी राजनीतिक गोटियां सेट करने में ही लगे हैं.
स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट और यूपीए सरकार के तीन मंत्रियों के जवाब
शिवराज सिंह ने राज्यसभा में एमएसपी की गारंटी पर आए एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस ने स्वामीनाथ आयोग की सिफारिशों को मानने से इनकार कर दिया था.शिवराज ने बताया कि उस वक्त कृषि मंत्री कांतिलाल भूरिया ने कहा कि इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता. शिवराज ने किसान नेता शरद पवार जो उस समय यूपीए सरकार में मंत्री थे के भी एक बयान को कोट किया और कहा, सरकार सीएसीपी की सिफारिशों के आधार पर एमएसपी तय होती है, इसलिए जानने की आवश्यकता है कि उत्पादन लागत और एमएसपी के बीच कोई आंतरिक संबंध नहीं हो सकता. मतलब साफ था कि शरद पवार भी एमएसपी पर गारंटी देने से सहमत नहीं थे.
शिवराज सिंह चौहान ने यूपीए सरकार के एक और मंत्री केवी थॉमस के बयान के बारे में बताया कि किस तरह थामस भी एमएसपी की गारंटी नहीं देने की वकालत की थी. थामस ने कहा था कि एमएसपी को स्वीकार नहीं किया सकता क्योंकि एमएसपी की सिफारिश कृषि लागत और मूल्य आयोग द्वारा वस्तुनिष्ठ मानदंडों के आधार पर प्रासंगिक कारकों की व्यवस्था पर विचार करते हुए की जाती है. कृषि मंत्री ने कहा कि ये कैबिनेट नोट उस वक्त की कांग्रेस सरकार का है जिसमें एमएसपी से इनकार किया गया है. मंत्री ने कहा, एमएसपी को उत्पादन की औसत लागत से 50 परसेंट अधिक तय करने की सिफारिश पर यूपीए सरकार ने कैबिनेट में यह कहते हुए स्वीकार नहीं किया है, क्यों कि सीएसीपी द्वारा प्रासंगिक कारकों की व्यवस्था पर विचार करते हुए वस्तुनिष्ठ मानदंड के रूप में एमएसपी की सिफारिश की गई है, इसलिए लागत पर कम से कम 50 परसेंट की वृद्धि निर्धारित करना बाजार को बरबाद कर सकता है.
कोई भी सरकार आए व्यहारिक दिक्कतों का् सामना कैसे करेगी
सबसे पहले देश के सिर्फ 6 फीसदी किसानों को ही MSP की गारंटी देकर 10 लाख करोड़ खर्च करना कोई भी सरकार नहीं चाहेगी. ये छह परसेंट भी 80 फीसदी पंजाब और हरियाणा के किसान हैं शेष 20 परसेंट में देश भर के किसान हैं. इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक रिपोर्ट के माध्यम से ही समझा जा सकता है. अमेरिका के राष्ट्रपति जिमी कार्टर (1977-1981)ने डेयरी फार्मर्स की आर्थिक दशा को सुधारने के लिए हर छह महीने में 6 सेंट पर गैलन के हिसाब से मूल्य बढ़ोतरी का ऐलान कर दिया. पर महंगे दूध की बिक्री में प्रॉब्लम होनी ही थी. इसलिए सरकार ने एक रेट तय कर दिया कि इससे नीचे दर पर खरीदारी संभव नहीं होगी. इसके बाद सारे डेयरी फार्म वाले चीज बनाकर अमेरिकी सरकार को बेचने लगे. नतीजा ये हुआ कि सरकार के पास चीज का पहाड़ों के ढेर बन गया. कार्टर सरकार ने करीब 2 बिलियन डालर डेयरी फार्मर के सपोर्ट में खर्च कर दिया. कार्टर के बाद रोनाल्ड रीगन अमेरिका के राष्ट्रपति बने उन्होंने हर छह महीने पर दूध के रेट बढ़ोतरी के आदेश को निरस्त कर दिया. इस उदाहरण से समझा जा सकता है कि एमएसपी की गारंटी देकर कोई भी सरकार अपना भद नही्ं पिटवाना चाहेगी.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.

देश की किफायत विमानन कंपनी इंडिगो का ऑपरेशनल संकट जारी है. इंडिगो को पायलट्स के लिए आए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को लागू करने में भारी दिक्कत आ रही है. इस बीच आज इंडिगो की 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गई है, जिस पर कंपनी के सीईओ का पहला बयान सामने आया है. इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने इंडिगो ऑपरेशनल संकट पर पहली बार बयान देते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से विमानन कंपनी के कामकाज में दिक्कतें आ रही हैं. कंपनी का कामकाज पांच दिसंबर को सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. आज 100 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हुई हैं.

संसद के शीतकालीन सत्र में 8 और 9 दिसंबर 2025 को राष्ट्रगीत वंदे मातरम् पर दोनों सदनों में विशेष चर्चा होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री इस चर्चा को संबोधित करेंगे. चर्चा का उद्देश्य वंदे मातरम् के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, ऐतिहासिक महत्व और वर्तमान प्रासंगिकता को उजागर करना है.

भारत-रूस बिजनेस फोरम में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं और दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निर्धारित किया है. राष्ट्रपति पुतिन के साथ चर्चा में यह स्पष्ट हुआ कि व्यापार लक्ष्य समय से पहले पूरा किया जाएगा. कई क्षेत्रों जैसे लॉजिस्टिक्स, कनेक्टिविटी, मरीन प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल, फार्मा, और टेक्सटाइल में सहयोग को आगे बढ़ाया जा रहा है.

जम्मू-कश्मीर के 711 अग्निवीर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर में इन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद ये अग्निवीर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात होंगे. इससे न केवल भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है.







