MP: बिल भुगतान पर मांगी रिश्वत, लोकायुक्त ने 2 को रंगे हाथों पकड़ा, लॉकर से मिले सोना, चांदी और कैश
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लोकायुक्त की टीम ने इंदौर नगर निगम के जानकारी विभाग के अधीक्षक और महिला क्लर्क को 25 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया. ये दोनों ने एक कंस्ट्रक्शन कंपनी के संचालक से गार्डन बनाने का बिल पास करने के बदले रिश्वत ले रहे थे.
लोकायुक्त की टीम ने इंदौर नगर निगम के जानकारी विभाग के अधीक्षक और महिला क्लर्क को 25 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया. ये दोनों ने एक कंस्ट्रक्शन कंपनी के संचालक से गार्डन बनाने का बिल पास करने के बदले रिश्वत ले रहे थे. इस मामले में लोकायुक्त पुलिस ने विजय सक्सेना और जनकार्य विभाग में बिल शाखा की क्लर्क हेमाली वैद्य को गिरफ्तार किया है. लोकायुक्त की 10 दिन के अंदर यह दूसरी बड़ी कार्रवाई है. पुलिस का कहना है कि उज्जैन के रहने वाले धीरेन्द्र चौबे की रूद्र कंस्ट्रक्शन नाम से एक कंपनी है. उन्होंने कुछ समय पहले इंदौर के बीजासेन मंदिर प्रांगण में पार्क के निर्माण का ठेका लिया था. ठेकेदार ने समय पर काम पूरा कर लिया और तय राशि के मुताबिक चौबे ने लगभग 9 लाख रुपये से ज्यादा का बिल नगरनिगम के जनकार्य विभाग में लगा दिया. लेकिन उसके बाद भी उनका बिल पास नहीं हुआ. बिला को पास कराने के लिए जनकार्य विभाग के अधीक्षक विजय सक्सेना ने बिल का तीन पर्सेंट यानी 25000 रुपये की रिश्वत मांगी थी. फिर पीड़ित धीरेन्द्र ने इस पूरे मामले की शिकायत लोकायुक्त एसपी से की. इस मामले की जांच के लिए निगम अधिकारी से बातचीत की रिकार्डिंग करवाई गई. जब शिकायत की पुष्टि हुई तो लोकायुक्त के एक ट्रेप टीम का गठन किया और जिसका नेतृत्व डीएसपी प्रवीण बघेल ने किया.हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष और अपनी पार्टी के इकलौते सांसद जीतन राम मांझी भी मोदी सरकार में मंत्री बन गए हैं. 44 सालों के पॉलिटिकल करियर में मांझी राज्य सरकार में कई बार मंत्री बन चुके हैं लेकिन पहली बार वो मोदी सरकार में मिनिस्टर बने हैं. मांझी ने एनडीए उम्मीदवार के तौर पर इस बार गया (रिजर्व सीट) से चुनाव लड़ा था और भारी मतों के अंतर से चुनाव जीता था.
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