
MIGA से सीजफायर तक कैसे आ गए डोनाल्ड ट्रंप... क्या ईरान से खामेनेई की विदाई का वक्त आ गया है?
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Iran Israel ceasefire: अमेरिका ने एक बार फिर वो युद्ध रुकवा दिया है जो संभवत: उसी के कहने पर शुरू हुआ था. इसी के साथ दुनिया ने राहत की सांस ली है. ईरान और इजरायल ने अब शांति का रास्ता अपनाने का वादा किया है. लेकिन एक मूल सवाल अभी भी बरकरार है. वो यह कि ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई की सत्ता क्या होगा? क्या ईरान में सत्ता परिवर्तन के लिए पटकथा लिखी जा रही है?
MAGA यानी कि Make America Great Again डोनाल्ड ट्रंप का मूल नारा रहा है जो उनकी राष्ट्रवादी और आर्थिक नीतियों का प्रतीक है. लेकिन ईरान पर अमेरिका के हमले के बीच राष्ट्रपति ट्रंप ने एक नया नारा दिया है. ये नारा है MIGA. यानी कि मेक ईरान ग्रेट अगेन. दरअसल ट्रंप और नेतन्याहू ने ईरान पर अपने हमले का प्राथमिक लक्ष्य हासिल कर लिया है. ये लक्ष्य था ईरान के परमाणु कार्यक्रम को डिरेल करना. ट्रंप ने रविवार को ईरान के तीन परमाणु केंद्रों इस्फहान, नतांज और फोर्डो पर हमला करके ये लक्ष्य हासिल कर लिया है.
इन तीनों न्यूक्लियर साइट पर अमेरिका और इजरायल के हमले में भारी नुकसान हुआ है. निकट भविष्य में इन न्यूक्लियर साइट के ऑपरेशनल होने के कोई चांस नहीं दिख रहा है.
इस लक्ष्य को हासिल करने के बाद अमेरिका ईरान और इजरायल के बीच सीजफायर करवाने की कोशिश कर रहा था. हालांकि ये इतना आसान नहीं था. ईरान दुनिया के सामने के कतई नहीं चाहता था कि उसकी पहचान एक ऐसे राष्ट्र के रूप में हो जो युद्ध में पिट चुका था. जिसके न्यूक्लियर साइट हमले में तबाह हो गए थे.
अमेरिका ईरान-इजरायल के बीच सीजफायर करवाने की कोशिश कर रहा था तो ईरान बदले लेने की सोच रहा था. ईरान ने बदला लेने के लिए कतर में मौजूद अमेरिकी एयरबेस पर हमला किया. रिपोर्ट के अनुसार ईरान ने कतर में मौजूद अमेरिका के अल उदीद एयरबेस और इराक के अल असद एयरबेस पर कई मिसाइलें दागीं. ईरान ने इस हमले के साथ कहा कि अमेरिका से बदला पूरा हो गया है.
ट्रंप ने ईरान के इस हमले को ज्यादा भाव नहीं दिया और कहा कि ईरान ने 14 मिसाइलें फायर की थीं जिनमें से 13 को आसमान में ही इंटरसेप्ट कर लिया गया. मात्र एक ही मिसाइल गिरा और उससे भी नुकसान नहीं हुआ.
ईरान के सर्वोच्च नेता खामेनेई ने भी माना कि इस हमले में किसी को नुकसान नहीं पहुंचा है. हालांकि खामेनेई ने यह भी कहा कि ईरान समर्पण करने वाला राष्ट्र नहीं है.

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