Lakhimpur violence: पुलिस कस्टडी में भी मूंछों पर ताव देता दिखा आशीष मिश्रा, फुल टशन का सामने आया Video
AajTak
Lakhimpur violence accused Ashish Mishra: लखीमपुर हिंसा के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा का पेशी के दौरान फुल टशन का वीडियो सामने आया है. वह पुलिस अभिरक्षा में लखीमपुर कोर्ट में पेशी के लिए पहुंचा हुआ था.
लखीमपुर हिंसा के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा के तेवर आज भी ढीले नहीं पड़े हैं. एक नए वीडियो से इस बात की पुष्टि हुई है. मंगलवार को लखीमपुर कोर्ट में पेशी पर जाते हुए आरोपी फुल टशन में दिखाई दिया. वह पुलिस कस्टडी में भी मीडिया के कैमरों को देखते ही मूंछों पर ताव देता नजर आया. देखें Video:
सुप्रीम कोर्ट ने रद्द की जमानत
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे और लखीमपुरखीरी हिंसा में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा उर्फ मोनू ने बीते माह निचली में सरेंडर कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद आशीष मिश्रा के पास कोई विकल्प नहीं बचा था, क्योंकि शीर्ष अदालत से आशीष मिश्रा की जमानत रद्द हो गई थी. फिलहाल आशीष मिश्रा जेल में है. उसे आज सीजेएम कोर्ट में पुलिस कस्टडी में पेशी पर लाया गया था.
इलाहाबाद हाईकोर्ट में दोबारा होगी सुनवाई
बता दें कि किसान आंदोलन के दौरान केस दर्ज होने पर लखीमपुर खीरी हिंसा के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा मोनू ने 4 माह जेल में बिताए थे. फिर इसी साल 10 फरवरी को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरोपी को जमानत दे दी थी. इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया था. सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी को मिली जमानत रद्द कर दी थी, तो फिर उसने आत्मसमर्पण कर दिया. हालांकि, अब फिर मुख्य आरोपी ने जमानत के लिए उच्च अदालत का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन सोमवार को ही उसकी जमानत अर्जी जस्टिस कृष्ण पहल की सिंगल बेंच ने 25 मई तक टाल दी.
ये है पूरा मामला
नायडू पहली बार 1995 में मुख्यमंत्री बने और उसके बाद दो और कार्यकाल पूरे किए. मुख्यमंत्री के रूप में उनके पहले दो कार्यकाल संयुक्त आंध्र प्रदेश के नेतृत्व में थे, जो 1995 में शुरू हुए और 2004 में समाप्त हुए. तीसरा कार्यकाल राज्य के विभाजन के बाद आया. 2014 में नायडू विभाजित आंध्र प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री के रूप में उभरे और 2019 तक इस पद पर रहे. वे 2019 का चुनाव हार गए और 2024 तक विपक्ष के नेता बने रहे.
जम्मू-कश्मीर के रियासी में हुए आतंकी हमले में 10 लोगों की जान गई. इस हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ है. इन पाकिस्तानी आतंकवादियों की पहचान तक हो चुकी है. उनके नाम अब्बू, हमजा और फौजी. इनके चेहरे कैमरे पर कैद हुए हैं. ये वो सबूत हैं, जो चीख-चीखकर कह रहे हैं कि रियासी के हमले में पाकिस्तान का ही हाथ था.