
Karnataka Hijab row: हिजाब प्रदर्शन के चलते परीक्षा छोड़ने वाले स्टूडेंट्स को मिलेगा एग्जाम देने का मौका
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कोर्ट के आदेश से पहले और बाद में स्कूलों और कॉलेजों में कितने छात्रों ने परीक्षाओं का बहिष्कार किया, इस पर सरकार को अभी तक डेटा नहीं मिला है. गुरुवार को इस मुद्दे पर कर्नाटक विधानसभा में बहस हुई. विपक्षी कांग्रेस विधायक कृष्णा बायरेगौड़ा ने सरकार से छात्रों को परीक्षा में बैठने के लिए दूसरा मौका देने की अपील की.
कर्नाटक में हिजाब बैन के खिलाफ प्रदर्शन के चलते परीक्षा छोड़ने वाले स्टूडेंट्स को दोबारा एग्जाम देने का मौका मिलेगा. कर्नाटक सरकार ने कहा है कि जो छात्र कोर्ट के अंतरिम आदेश से पहले हिजाब विरोध के दौरान परीक्षा नहीं दे पाए थे, उन्हें एक और मौका मिलेगा.
हालांकि, जिन स्टूडेंट्स ने कोर्ट के फैसले के बाद विरोध के तौर पर परीक्षा का बायकॉट किया है, सरकार उन्हें मौका देने के पक्ष में नजर नहीं आ रही है.
दरअसल, सरकार का मानना है कि परीक्षाएं सभी की मर्जी और इच्छा से आयोजिन नहीं की जा सकती हैं, इसके लिए एक पैटर्न होता है. प्रश्न पत्र का पैटर्न होता है. इसके बाद मूल्यांकन में काफी मेहनत लगती है, इसे अचानक और कभी भी नहीं किया जा सकता.
कितने छात्रों ने छोड़ी परीक्षा, सरकार के पास डेटा नहीं हिजाब पर अंतरिम आदेश से पहले और बाद में स्कूलों और कॉलेजों में कितने छात्रों ने परीक्षाओं का बहिष्कार किया, इस पर सरकार को अभी तक डेटा नहीं मिला है. गुरुवार को इस मुद्दे पर कर्नाटक विधानसभा में बहस हुई. विपक्षी कांग्रेस विधायक कृष्णा बायरेगौड़ा ने सरकार से छात्रों को परीक्षा में बैठने के लिए दूसरा मौका देने की अपील की. इस पर सरकार ने जवाब दिया कि यह संभावना नहीं है कि वे इस पर विचार करेंगे क्योंकि परीक्षाएं अचानक कभी भी नहीं कराई जा सकतीं.
हाईकोर्ट ने हिजाब पर बैन बरकरार रखा इससे पहले कर्नाटक हाईकोर्ट ने स्कूल कॉलेजों में हिजाब पहनने की इजाजत मांगने वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया था. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि हिजाब पहनना इस्लाम की अनिवार्य प्रथा का हिस्सा नहीं है. हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ छात्राओं ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. इस पर होली की छुट्टी के बाद सुनवाई होगी.

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