JK: घाटी में आंतकियों के निशाने पर आम नागरिक, जानें क्या होती है Target Killing?
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जम्मू कश्मीर में बीते कई दिनों में आतंकियों ने आम नागरिकों को टारगेट कर मौत के घाट उतार दिया. एक आंकड़े मुताबिक पिछले 30 सालों में घाटी में Terrorist 70 हजार से ज्यादा घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं. इनमें 13 हजार Citizen मारे गए. हालांकि Army इस दौरान 25 हजार से ज्यादा Terrorists को ढेर कर चुकी है. लेकिन जिस तरह से Terrorist ने टारगेट किलिंग के जरिए नागरिकों को निशाना बनाना शुरू किया है, वो बेहद डरावना है. आइए जानते हैं क्या होती है Target Killing. ज्यादा जानकारी के लिए देखें ये वीडियो.
नवाज शरीफ ने 25 साल बाद एक गलती स्वीकार की है. ये गलती पाकिस्तान की दगाबाजी की है. 20 फरवरी 1999 को दिल्ली से जब सुनहरी रंग की 'सदा-ए-सरहद' (सरहद की पुकार) लग्जरी बस अटारी बॉर्डर की ओर चली तो लगा कि 1947 में अलग हुए दो मुल्क अपना अतीत भूलाकर आगे चलने को तैयार हैं. लेकिन ये भावना एकतरफा थी. पाकिस्तान आर्मी के मन में तो कुछ और चल रहा था.
देश के ज्यादातर मैदानी इलाकों में पड़ रही प्रचंड गर्मी के बीच दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) वीके सक्सेना ने बड़ा फैसला लिया है. LG ने निर्देश दिया है कि इस भीषण गर्मी में मजदूरों को 12 बजे से लेकर 3 बजे तक काम से छुट्टी मिलेगी. साथ ही मजदूरों को मिलने वाली इस राहत के बदले कोई भी उनकी सैलरी नहीं काट सकेगा.
करीब सवा सौ गज के एक छोटे से मकान में यह अस्पताल चल रहा था. इस मकान की स्थिति ऐसी है कि वह किसी भी वक्त गिर सकता है. अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर पर ऑक्सीजन के सिलेंडर बिखरे मिले. इनमें से कुछ सिलेंडर के परखचे उड़े हुए थे, क्योंकि आग लगने के बाद इनमें विस्फोट हुआ था अस्पताल में लगी आग को भयावह रूप देने में इन ऑक्सीजन सिलेंडर ने भी मदद की.