Jharkhand: 8 साल की बच्ची के साथ हैवानियत, 3 महीने से दुष्कर्म कर रहा था इमाम
AajTak
सिमडेगा जिले में एक इमाम पर आरोप है कि पिछले तीन महीने से वो 8 साल की एक बच्ची के साथ दुष्कर्म कर रहा था. हर बार वो बच्ची को धमकी देकर चुप कर देता था. अपनी घिनौनी हरकतों ने बाज न आते हुए इमाम ने रविवार को फिर बच्ची से दुष्कर्म करने की कोशिश की. इस पर उसने हिम्मत दिखाते हुए विरोध किया.
झारखंड के सिमडेगा जिले में एक इमाम पर 8 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म करने का आरोप लगा है. पीड़ित परिवार की तहरीर पर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है. वहीं, बीजेपी ने मामले को रफा-दफा करने का आरोप लगाते हुए राज्य सरकार से आरोपी की गिरफ्तारी और पीड़ित परिवार की सुरक्षा की मांग की है. गौरतलब है कि जिले के कोलेबिरा थाना क्षेत्र में 8 साल की एक बच्ची इमाम अम्मनुल्ला उर्फ अमीन के पास तालीम के लिए जाती थी. आरोप है पिछले तीन महीने से वो बच्ची के साथ दुष्कर्म कर रहा था. हर बार वो बच्ची को धमकी देकर चुप कर देता था.
इमाम की घिनौनी करतूत सामने आई
अपनी घिनौनी हरकतों ने बाज न आते हुए इमाम ने रविवार को फिर बच्ची से दुष्कर्म करने की कोशिश की. इस पर उसने हिम्मत दिखाते हुए विरोध किया और परिजनों को बताया. इसके बाद इमाम की घिनौनी करतूत सामने आई.
अंजुमन ने की कड़ी कार्रवाई की मांग
पीड़ित परिवार ने अंजुमन तक मामला ले जाकर न्याय मांगा. अंजुमन ने इमाम को पद से हटाते हुए पीड़िता के परिजनों के साथ सोमवार को कोलेबिरा थाना पंहुचकर केस दर्ज कराया. अंजुमन ने मामले में पुलिस से आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करने के साथ ही कहा कि समाज भी अपने स्तर पर आरोपी इमाम पर को दंड देगा.
यूपी की तर्ज पर मदरसों का सर्वे हो
केरल में ड्राइविंग के दौरान नियमों की धजी उड़ाने वाले शख्स पर कार्रवाई करते हुए मोटर व्हीकल विभाग ने तीन महीने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड कर दिया है. अलप्पुझा के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) आर. रामनन की जांच के बाद आरोपी पुजारी बैजू विंसेंट के खिलाफ कार्रवाई करते हुए तीन महीने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड कर किया गया है.
दिल्ली-कनाडा फ्लाइट को बीते सप्ताह उड़ाने की धमकी एक मेल के जरिए दी गई थी. इस मामले में पुलिस ने 13 साल के एक बच्चे को पकड़ा है. यह मेल बच्चे ने हंसी-मजाक में भेज दिया था. वह यह देखना चाहता था कि धमकी भरा मेल भेजने के बाद पुलिस उसे ट्रेस कर पाती है या नहीं. अब उसे जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सामने पेश किया जाएगा.
‘जिस घर में कील लगाते जी दुखता था, उसकी दीवारें कभी भी धसक जाती हैं. आंखों के सामने दरार में गाय-गोरू समा गए. बरसात आए तो जमीन के नीचे पानी गड़गड़ाता है. घर में हम बुड्ढा-बुड्ढी ही हैं. गिरे तो यही छत हमारी कबर (कब्र) बन जाएगी.’ जिन पहाड़ों पर चढ़ते हुए दुख की सांस भी फूल जाए, शांतिदेवी वहां टूटे हुए घर को मुकुट की तरह सजाए हैं. आवाज रुआंसी होते-होते संभलती हुई.