Jagannath Temple: भगवान कृष्ण को समर्पित इस मंदिर की मूर्तियां हैं अधूरी, क्या है इससे जुड़ी कहानी जानें
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पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर को चार धामों में से एक माना जाता है और हर साल यहां भव्य रथ यात्रा निकाली जाती है. इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यहां की मूर्तियां अधूरी हैं. क्या है इसकी कहानी यहां जानें.
नई दिल्ली: ओडिशा के पुरी स्थित भगवान जगन्नाथ (Puri Jagannath Temple) की रथ यात्रा के बारे में भला कौन नहीं जानता. ये विश्व प्रसिद्ध रथ यात्रा (Rath yatra) है और जगन्नाथ जी का मंदिर भी दुनिया भर में मशहूर है. लाखों की संख्या में हर साल श्रद्धालु यहां भगवान के दर्शन के लिए आते हैं. भगवान श्री कृष्ण (Lord Krishna) को ही जगन्नाथ भी कहा जाता है और पुरी का यह मंदिर उन्हें ही समर्पित है. इस मंदिर में जगन्नाथ जी यानी भगवान कृष्ण अपनी बहन सुभद्रा (Subhadra) और भाई बलभद्र (Balbhadra) के साथ विराजमान हैं. लेकिन इस मंदिर की एक खासियत ये है कि मंदिर की तीनों मूर्तियां अधूरी हैं. इससे जुड़ी कथा के बारे में हम आपको यहां बता रहे हैं. पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर को चार धामों (Char dham) में से एक माना जाता है और हर साल यहां भव्य रथ यात्रा निकाली जाती है जिसमें मंदिर के तीनों देवता अलग-अलग रथों में विराजमान होकर पूरे नगर की यात्रा करते हैं. वैसे तो इस मंदिर से जुड़ी कई प्रचलित कथाएं हैं लेकिन उनमें सबसे अहम मंदिर की अधूरी मूर्तियों (Incomplete idols) से जुड़ी कथा है.More Related News