India Today Conclave 2024: बीजेपी के लिए 370 सीटें जीतना आसान या मुश्किल... चुनावी एक्सपर्ट्स ने बताया
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इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2023 में चुनाव विशेषज्ञों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लक्ष्य 400 सीटों को हासिल करने का है. इस सपने को पूरा करने के लिए भाजपा को पूर्वी और दक्षिणी राज्यों सहित अपने गढ़ भी सुरक्षित करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि बीजेपी को क्षेत्रीय दलों से कड़ी टक्कर का सामना करना पड़ेगा.
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के दो दिवसीय कार्यक्रम में शुक्रवार को आगामी लोकसभा चुनाव 2024 पर चर्चा हुई. विषय था कि Who Will Win the 2024 Election? और इस विषय पर सीवोटर के फाउंडर-डाइरेक्टर यशवंत देशमुख, AxisMyIndia के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर प्रदीप गुप्ता, राजनीतिक रणनीतिकार, चुनाव विश्लेषक और शोधकर्ता अमिताभ तिवारी और बीजेपी राज्यसभा सदस्य जीवीएल नरसिम्हा राव शामिल रहे.
कई पहलुओं पर हुई बातचीत इन सभी राजनीतिक विश्लेषकों ने लोकसभा चुनाव को लेकर कई पहलुओं पर बात की. जीवीएल ने कहा, मैंने कभी ऐसा लोकसभा चुनाव नही देखा है. जिसमें एक बड़ी जीत अचीव होने वाली है. उन्होंने कहा कि रियल टार्गेट 2024 नहीं है, असली टार्गेट 2047 है और यह विकसित भारत के लक्ष्य के लिए है.
बीजेपी को क्षेत्रीय दलों से मिलेगी टक्कर! इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2023 में चुनाव विशेषज्ञों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लक्ष्य 400 सीटों को हासिल करने का है. इस सपने को पूरा करने के लिए भाजपा को पूर्वी और दक्षिणी राज्यों सहित अपने गढ़ भी सुरक्षित करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि बीजेपी को क्षेत्रीय दलों से कड़ी टक्कर का सामना करना पड़ेगा. इस दौरान एक्सिसमायइंडिया के अध्यक्ष प्रदीप गुप्ता ने इस बात पर जोर दिया कि भाजपा को अन्य महत्वपूर्ण राज्यों में जीत सुनिश्चित करते हुए उन राज्यों में स्ट्राइक रेट बनाए रखने की जरूरत है, जहां उन्हें अच्छा प्रदर्शन किया है.
कर्नाटक में बदली है स्थिति उन्होंने भाजपा के चुनावी प्रदर्शन के आधार पर राज्यों को तीन प्रमुख समूहों में बांटा. पहले समूह में, जिसमें महाराष्ट्र, बिहार और कर्नाटक शामिल हैं, जहां भाजपा ने पिछले लोकसभा चुनावों में लगभग 90 प्रतिशत सीटें जीती थीं, पार्टी को 400 का आंकड़ा पार करने के लिए इस प्रदर्शन को दोहराने की जरूरत है. हालांकि, गुप्ता ने कहा कि कर्नाटक में इंडिया गठबंधन के आने और सत्ता परिवर्तन के साथ स्थिति बदल गई है.
उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में क्या है माहौल? दूसरे ग्रुप में,उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल हैं, जहां भाजपा ने पिछले चुनाव में 60 प्रतिशत वोट हासिल किए थे. यहां पार्टी को अपने प्रदर्शन में सुधार की जरूरत है और 80 प्रतिशत स्ट्राइक रेट हासिल करना होगा. गुप्ता ने आगाह करते हुए कहा कि, खासकर पश्चिम बंगाल में चुनाव परिणाम बदल सकते हैं, जहां भाजपा को विधानसभा चुनाव में काफी नुकसान का सामना करना पड़ा. तमिलनाडु और पंजाब जैसे राज्यों का तीसरा समूह, जहां पिछले चुनाव में भाजपा के सहयोगी थे, वहां न्यूनतम प्रदर्शन के बावजूद भी चुनौतियां खड़ी हैं. चुनाव रणनीतिकार अमिताभ तिवारी ने कहा कि पीएम मोदी का 400 सीटों के लक्ष्य के लिए 'हासिल हुई सीटों को बरकरार रखने' के मंत्र की जरूरत है.
साउथ में बीजेपी को मिलेगी टक्कर उन्होंने कहा कि भाजपा को पूर्वी और दक्षिणी राज्यों में कड़ी टक्कर मिलने की संभावना है, उन्होंने भाजपा के प्रदर्शन के आधार पर राज्यों को ए-बी-सी के ग्रुप में रखा और कहा कि पार्टी ए श्रेणी में अधिक सुरक्षित है, जहां उन्होंने पिछले तीन चुनावों में हर तीन में से तीन या दो सीटें जीती हैं. तिवारी ने कहा, "ए श्रेणी में 262 सीटें हैं, और उनमें से आधे से अधिक उत्तरी बेल्ट में हैं, ये भाजपा के लिए सुरक्षित जगह है. इसलिए, उन्हें 400 का आंकड़ा पार करने के लिए अन्य क्षेत्रों पर फोकस करना होगा."
aajtak e-चुनाव के सर्वे में करीब सवा लाख लोगों ने हिस्सा लिया. इनमें से लगभग 73% लोगों ने बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए को लगातार तीसरी बार सत्ता में देखने की इच्छा जताई जबकि विपक्षी इंडिया ब्लॉक को लगभग 23% वोट मिले. करीब 4 फीसदी वोट अन्य को मिले. अगर इन वोटों को सीटों में बांट दिया जाए तो एनडीए को 397 सीटें मिलने का अनुमान है.