IMF से लोन लेने के लिए पाकिस्तान के लोगों पर फूटेगा 170 अरब का टैक्स बम
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महंगाई और आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान के ऊपर डिफॉल्ट होने का खतरा मंडरा रहा है. पाकिस्तान के पास डिफॉल्ट होने से बचने का एक मात्र उपाय अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से आर्थिक मदद ही है. इसलिए पाकिस्तान जल्द ही मिनी बजट के रूप में जनता के ऊपर टैक्स बम फोड़ सकता है.
आर्थिक तंगहाली से बदहाल पाकिस्तान को आखिरकार आईएमएफ के सामने झुकना पड़ा. पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने शुक्रवार को घोषणा की है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ समझौते के तहत 170 अरब रुपये के नए कर लगाने होंगे. इसके लिए जल्द ही मिनी बजट पेश किया जाएगा.
इशाक डार ने यह घोषणा आईएमएफ की ओर से पाकिस्तान को लोन देने से इनकार करने के बाद की है. दरअसल, शुक्रवार को आईएमएफ के अधिकारी और पाकिस्तान के बीच हुई बैठक में आईएमएफ ने समझौते पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया.
पाकिस्तान की ओर से बार-बार अनुरोध किए जाने के बावजूद आईएमएफ पाकिस्तान की सरकार को खर्च कम करने और अपने सरकारी खजाने को बढ़ाने की हर संभव कोशिश करने के लिए कहा था. आईएमएफ ने पाकिस्तान से कहा था कि वो आईएमएफ के सभी निर्देशों को पूरा करें तभी लोन मिलेगा.
पाकिस्तान के वित्त मंत्री ने की घोषणा
लोन कार्यक्रम पर पाकिस्तान के साथ वार्ता समाप्त होने के बाद आईएमएफ ने एक संक्षिप्त बयान जारी किया. इसके तुरंत बाद पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. आईएमएफ से लोन लेने में विफल होने के बावजूद वित्त मंत्री ने दावा किया कि वैश्विक ऋणदाता आईएमएफ के साथ सकारात्मक बातचीत समाप्त हुई और ऋण कार्यक्रम को फिर से चालू करने के लिए सरकार को मिनी-बजट के माध्यम से 170 अरब रुपये टैक्स से जुटाने होंगे.
उन्होंने आगे कहा कि इस डील को अंतिम रूप देने के लिए वर्चुअल वार्ता जारी रहेगी. पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने इस बात को भी दोहराया कि शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार प्रतिबद्धता के साथ इस डील के लिए बातचीत कर रही है.
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