IMF चीफ की चेतावनी- दुनिया पर बढ़ रहा मंदी का खतरा, तुरंत उठाने होंगे कदम
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जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम में बोलते हुए क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने मंदी के बढ़ते जोखिम को लेकर दुनिया को आगाह किया. उन्होंने साल 2026 तक ग्लोबल इकोनॉमी की वृद्धि 4,000 अरब डॉलर तक कम होने की आशंका जताते हुए कहा कि हमें इस दिशा में मिलकर काम करने की जरूरत है.
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने दुनिया पर बढ़ते मंदी के जोखिम को लेकर चेतावनी दी है. आईएमएफ प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा (Kristalina Georgieva) ने गुरुवार को वैश्विक नीति निर्माताओं (global policymakers) से खतरनाक 'न्यू नॉर्मल' से बचने के लिए नीतिगत कार्रवाई करने की अपील की है. अगले हफ्ते होने वाली वार्षिक बैठक से पहले उन्होंने इस संकट के निपटने के लिए मिलकर काम करने की बात दोहराई.
जल्द उठाने होंगे ठोस कदम IMF चीफ ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था (Global Economy) को बीते कुछ समय में एक के बाद एक कई बड़े झटके झेलने पड़े हैं. इससे दुनियाभर में मंदी का जोखिम काफी बढ़ गया है. ऐसे में खतरनाक 'New Normal' से बचने के लिए ठोस उपाय उठाने होंगे, क्योंकि ग्लोबल इकोनॉमी को स्थिर करना बहुत जरूरी है. इस दौरान Kristalina Georgieva ने बढ़ती महंगाई (Inflation) का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था अभी भी कोरोना महामारी, रूस-यूक्रेन युद्ध और क्लाइमेट चेंज जैसी चुनौतियों से जूझ रही है.
महंगाई की चुनौतियों का जिक्र किया क्रिस्टालिना ने कहा कि महंगाई (Inflation) जैसी चुनौतियों से हमें जल्द निपटना होगा. अगर केंद्रीय बैंक महंगाई को रोकने के लिए आक्रामक तरीके से ब्याज दरों में बढ़ोतरी (Interest Rate Hike) करना जारी रखते हैं, तो यह लंबे समय तक आर्थिक मंदी की वजह बन सकता है. पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, आईएमएफ ने बढ़ती महंगाई और मामूली वेतन वृद्धि के संयोग पर चिंता जताई है. आईएमएफ और विश्व बैंक की सालाना बैठक से पहले जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि ऊंची महंगाई और मामूली वेतन वृद्धि के मौजूदा संयोग से मजदूरी के साथ कीमतों में वृद्धि की चिंता बनी है.
ग्लोबल इकोनॉमी में स्थिरता जरूरी जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय (Georgetown University) में एक कार्यक्रम में बोलते हुए क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने सबसे तात्कालिक चुनौतियों का समाधान करके ग्लोबल इकोनॉमी को स्थिर करने को जरूरी करार दिया. उन्होंने कहा कि दुनिया की कई अर्थव्यवस्थाओं ने 2021 के बाद से मुद्रास्फीति में तेज बढ़ोतरी देखी है. नीति निर्माताओं को इस समय मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रमुख ने साल 2026 तक दुनिया की वृद्धि 4,000 अरब डॉलर तक कम होने की आशंका जताई है.
वैश्विक आर्थिक वृद्धि के अनुमान में कटौती जॉर्जिवा के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष वैश्विक आर्थिक वृद्धि के अनुमान में पहले से ही तीन बार कटौती कर चुका है. इसके साल 2022 में घटकर 3.2 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया था, लेकिन अब इसके 2.9 फीसदी रह जाने की संभावना बनती दिखाई दे रही है. गौरतलब है कि अगले हफ्ते वाशिंगटन में 180 से ज्यादा देशों के वित्त मंत्री और केंद्रीय बैंक के गवर्नर मुलाकात करेंगे.
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