
FIFA में जाकिर नाइक की एंट्री, नुपूर शर्मा का विवादित बयान... जानिए कब-कब तल्ख हुए भारत-कतर के रिश्ते
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कतर और भारत के बीच अहम व्यापारिक रिश्ते रहे हैं. भारत अपने कुल LNG आयात का 40 फीसदी कतर से मंगाता है. जबकि कतर के कुल LNG निर्यात में भारत की खरीदारी 15 फीसदी है. कतर का गैस भारत के लिए स्वच्छ और सुरक्षित ऊर्जा की गारंटी है, इस मधुर व्यापारिक रिश्तों के बीच कई बार कड़वाहट भी आई है.
साल था 2016, तारीख 4-5 जून... भारत के प्रधानमंत्री बने नरेंद्र मोदी का यह पहला कार्यकाल था. भरे-पूरे गर्मियों के दिन थे और इसी दौरान पीएम मोदी कतर की दो दिवसीय यात्रा पर पहुंचे थे. कतर के अमीर महामहिम शेख तमीम बिन हमद अल थानी ने उन्हें सस्नेह आमंत्रित किया था. बता दें कि कतर में 8 लाख भारतीय रहते हैं और यह उस देश का सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय है. कतर भी भारत को स्पेशल ट्रीटमेंट देता है.
कतर के अमीर अल थानी का आमंत्रण को स्वीकार कर पीएम मोदी ने यहां की दो दिवसीय यात्रा की थी. यात्रा का हासिल कई तरह के व्यापारिक, आर्थिक लाभ और सांस्कृतिक साझेदारी के तौर पर सामने आता रहा, लेकिन सबसे बड़ी उपलब्धि बना योग दिवस.
दोनों नेताओं ने इस बात पर बल दिया कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को लेकर शानदार प्रतिक्रिया से यह झलकता है कि विश्व समुदाय संतुलित, स्वस्थ्य तथा विश्व के लिए टिकाऊ भविष्य के लिए एक साथ आना चाहता है. प्रधानमंत्री मोदी ने 21 जून 2015 को आयोजित प्रथम अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को समर्थन देने के लिए कतर को धन्यवाद दिया.
कतर ने जारी किया था डाक टिकट इस अवसर पर कतर पोस्ट द्वारा डाक टिकट जारी किया गया था. यह वह समय था, जब भारत में योग दिवस को मनाए जाने को लेकर कुछ मुस्लिम समुदाय के लोग विरोध जता रहे थे. ऐसे में कतर का इसे समर्थन देना बड़ी बात थी और इसे सांस्कृतिक संबंधों की साझेदारी, और भारत के इस खाड़ी देश से मधुर संबंध के तौर पर देखा गया.
हालांकि कई ऐसे मौके आए हैं कि जब इस मधुरता के बीच-बीच में कड़वाहट-कसैलापन आता रहा है. जैसे आप बड़े स्वाद से मूंगफली खा रहे हों और अचानक दांतों के बीच एक खराब दाना आए जाए.
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