Explained: दिल्ली में आखिर क्यों सड़कों पर हैं हजारों डॉक्टर्स, क्या हैं उनकी डिमांड्स?
AajTak
NEET PG Counselling: डॉक्टर्स यह प्रदर्शन नीट पीजी काउंसलिंग में हो रही देरी के कारण कर रहे हैं. इससे पहले फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया 27 नवंबर से काउंसलिंग और एडमिशन की मांग को लेकर धरने पर बैठे थे.
NEET PG Counselling: नीट पीजी काउंसलिंग में हो रही देरी के चलते दिल्ली के रेसिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर हैं. डॉक्टर्स ने 27 दिसंबर को दिल्ली की सड़कों पर पैदल मार्च निकाला. जिसको रोकने के लिए प्रदर्शन कर रहे डॉक्टर्स को पुलिस ने हिरासत में ले लिया और उनके खिलाफ एफआईआर भी की गई. डॉक्टर्स के खिलाफ IPC की धारा 186, 353, 332, 148,147, 149, 279, 270 और 3 प्रिवेंशन ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट के तहत FIR हुई है. प्रदर्शन को लेकर फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) ने सभी स्वास्थ्य संस्थानों को बंद रखने का ऐलान किया है. इस प्रदर्शन की वजह से आम मरीजों को इलाज में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. दिल्ली के कई अस्पतालों में मरीज इलाज के लिए परेशान हैं.
हिमाचल में मंडी से नवनिर्वाचित बीजेपी सांसद और बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत को चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर CISF की एक महिला जवान ने थप्पड़ मार दिया. CISF कर्मी को तुरंत हिरासत में लेकर उसे निलंबित कर दिया गया. अब हर तरफ इसी बात की चर्चा है कि आखिर महिला जवान ने कंगना को थप्पड़ क्यों मारा. कंगना और महिला जवान का पक्ष क्या है और इस मामले पर क्यों हुई कंगना का डोप टेस्ट कराने की मांग. इस वीडियो में जानेंगे इस थप्पड़ कांड की इनसाइड स्टोरी.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने कहा आज सुबह एनडीए की मीटिंग हुई. सभी साथियों ने मुझे फिर से इस दायित्व के लिए पसंद किया है और सभी साथियों ने राष्ट्रपति को इसकी जानकारी दी. राष्ट्रपतिजी ने मुझे बुलाकर प्रधानमंत्री पद के लिए नियुक्ति दी है और शपथ ग्रहण के लिए 9 जून तारीख के बारे में सूचित किया है.
बीजेपी की सीटें कम होने के कारणों का जिक्र करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा, 'जिसने भी यह '400 पार' का नारा लिखा, इस नारे में कोई बुराई नहीं है लेकिन यह अधूरा नारा है. '400 पार' तो है लेकिन किस लिए? उन्होंने इसे खुला छोड़ दिया. जैसे 2014 में नारा बना था, 'बहुत हुई महंगाई की मार, अबकी बार मोदी सरकार' तो उद्देश्य साफ था कि मोदी सरकार क्यों, क्योंकि महंगाई है.'
नायडू पहली बार लगभग 30 साल पहले 1995 में सीएम बने थे और 2004 तक सत्ता में बने रहे. हालांकि इसके बाद वह दिवंगत वाई एस राजशेखर रेड्डी से हार गए. एक दशक के बाद और तेलंगाना और शेष आंध्र प्रदेश में संयुक्त राज्य के विभाजन के बाद, नायडू 2014 में नए बने राज्य के पहले सीएम के तौर पर चुने गए थे. लेकिन 2019 में वह चुनाव हार गए. अब वह पांच साल के अंतराल के बाद नायडू फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे.