
Exclusive: ज्योति मल्होत्रा के बाद दो और यूट्यूबर गिरफ्तार, PAK के लिए करते थे जासूसी? पढ़ें- इनसाइड स्टोरी
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हरियाणा के पलवल में एक बड़ा खुलासा हुआ है. पुलिस ने यूट्यूबर वसीम अकरम और तौफीक को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया. जांच में पता चला कि ये दोनों पाकिस्तान हाई कमीशन (PHC) के वीज़ा डेस्क के जरिए चल रहे जासूसी नेटवर्क का हिस्सा थे. वीजा के नाम पर रिश्वत लेने, सिम कार्ड और सेना से जुड़ी संवेदनशील जानकारी पाकिस्तान को पहुंचाने जैसे मामलों से इनका खुलासा हुआ.
30 सितंबर 2025 को हरियाणा के पलवल पुलिस ने दो लोगों को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया.इनमें एक है वसीम अकरम, कोट गांव का यूट्यूबर और दूसरा अलीमेव गांव का रहने वाला तौफीक. जांच में पता चला कि ये दोनों पाकिस्तान हाई कमीशन (PHC) के जरिए चलाए जा रहे बड़े जासूसी नेटवर्क का हिस्सा हैं. ये मामला इस साल के शुरू में उजागर हुए मशहूर यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा केस जैसा ही है. इससे पहले मलेरकोटला के गुजाला और यामीन और नूह के अमन जैसे मामलों में भी यही पैटर्न सामने आ चुका है.
वीजा डेस्क बना जासूसी का अड्डा
हाल की गिरफ्तारियों ने फिर साफ कर दिया कि पाकिस्तान हाई कमीशन (PHC) का वीजा डेस्क सिर्फ वीजा देने का काम नहीं कर रहा बल्कि ये भ्रष्टाचार और जासूसी का हथियार बन गया है.
पलवल में पकड़े गए वसीम और तौफीक लोगों से पैसे लेकर उन्हें पाकिस्तान का वीजा दिलाने का झांसा देते थे. जो पैसे वे वसूलते थे, उसका बड़ा हिस्सा पाक हाई कमीशन के अधिकारियों को देते थे. जांच में सामने आया कि दानिश नाम का एक कर्मचारी इन पैसों को आईएसआई एजेंटों तक पहुंचाता था. ये एजेंट टूरिस्ट वीजा पर भारत आते और यहीं रहकर अपनी जासूसी गतिविधियां चलाते.
वसीम अकरम कैसे फंसा?
वसीम अकरम सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुका है. वह पहली बार तब फंसा जब उसे वीजा चाहिए था. उसका वीजा रिजेक्ट हो गया था लेकिन पाक हाई कमीशन के कर्मचारी जाफर उर्फ मुजम्मिल हुसैन को 20,000 रुपये रिश्वत देने पर उसे वीजा मिल गया. मई 2022 में वो पाकिस्तान के कसूर गया और लौटने के बाद भी जाफर से व्हाट्सऐप पर संपर्क बनाए रखा.

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