Dunki Review: शाहरुख की एक्टिंग ने इमोशनल कहानी में डाली जान, मगर कॉमेडी-रोमांस की थोड़ी कमी
AajTak
‘डंकी’ के लिए बड़े सवाल ये थे कि क्या इसमें सिग्नेचर हिरानी मोमेंट्स हैं? क्या कहानी की इमोशनल गहराइयों और ऊंचाइयों में इतना बैलेंस है कि दर्शक गोते खा सकें? क्या इसमें उस तरह की स्मार्ट-कॉमेडी है जैसी हिरानी की फिल्मों में होती है? और क्या शाहरुख अपने काम से आपको बांधे रख पाए रहे हैं? जानें हमारे रिव्यू में.
राजकुमार हिरानी की फिल्म देखनी हो, जिसमें शाहरुख खान हीरो हों, तो उम्मीदें अपने आप बहुत बढ़ जाती हैं. खासकर जब शाहरुख साल भर में ‘पठान’ और ‘जवान’ जैसी दो ब्लॉकबस्टर दे चुके हों और तीसरी फिल्म के साथ आ रहे हों. लेकिन ये फिल्म बिल्कुल अलग है और ये न ‘पठान’ है न ‘जवान’. जहां पिछली दो फिल्में मसालेदार एक्शन एंटरटेनर थीं, और ये वादा करती थीं कि आपको सीटियां-तालियां बजाने के लिए सीन पे सीन मिलते रहेंगे, वहीं ‘डंकी’ बिल्कुल अलग फिल्म है.
‘डंकी’ के लिए बड़े सवाल ये थे कि क्या इसमें सिग्नेचर हिरानी मोमेंट्स हैं? क्या कहानी की इमोशनल गहराइयों और ऊंचाइयों में इतना बैलेंस है कि दर्शक गोते खा सकें? क्या इसमें उस तरह की स्मार्ट-कॉमेडी है जैसी हिरानी की फिल्मों में होती है? और क्या शाहरुख और बाकी कास्ट अपने काम से आपको बांधे रख पाए रहे हैं?
हिरानी उन फिल्ममेकर्स में से हैं जो खुद ही अपना स्केल बन चुके हैं, उनकी हर नई फिल्म को उनके ही पिछले काम की कसौटी पर परखा जाना है. और हिसाब से, ‘डंकी’ बेस्ट राजकुमार हिरानी फिल्म तो नहीं है. लेकिन ये हिरानी की सबसे इमोशनल फिल्म है. ‘डंकी’ में किरदारों का जो कुछ दांव पर है, वो हिरानी के पिछले किरदारों के मुकाबले बहुत भारी है.
कहानी पंजाब के एक कस्बे की कहानी है जिसका सच में अस्तिव है लेकिन लालटू नाम काल्पनिक है. यहां तीन दोस्त हैं. मनु (तापसी पन्नू) का घर कुछ दुखद घटनाओं के बाद गिरवी रखा है. क्यों, कैसे? ये आप फिल्म में देखें. बल्ली (अनिल ग्रोवर) और बग्गू (विक्रम कोचर) अपनी मांओं को घिस-घिस कर कमाते-घर चलाते देखकर ऊब चुके हैं. लंदन का एक वीजा, इन सबकी लाइफ का गोल्डन टिकट बन सकता है. और इस आस में ये तीनों एक बार धोखा भी खा जाते हैं.
तब कहानी में एंटर होता है हीरो बंदा- हरदीप सिंह ढिल्लन उर्फ हार्डी. ये फौजी पठानकोट से लालटू सिर्फ कुछ घंटे के लिए आया है. यहां वो मनु से मिलता है और ठहर जाता है. क्यों, कैसे? जवाब फिल्म देगी. अब इस फौजी का मिशन इन तीनों को लंदन पहुंचाना है.
हार्डी को पता चलता है कि IELTS टेस्ट पास करने पर लंदन के स्टूडेंट वीजा आराम से मिल जाता है. अंग्रेजी के इस टेस्ट की तैयारी के लिए ये चारों अब 3 महीने में फर्राटेदार अंग्रेजी सीखने वाले गीतू गुलाटी (बोमन ईरानी) के इंस्टिट्यूट पहुंचते हैं. यहां उन्हें मिलता है सिद्धू (विक्की कौशल) जिसे जल्दी से जल्दी लंदन पहुंचना है. क्यों, कैसे? जवाब आपको पता ही है!