Delhi pollution: धुआं-धुआं सा शहर... राजधानी दिल्ली की सांसों में कैसे घुला जहर?
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हर साल दुनियाभर में लाखों लोग प्रदूषण से जुड़ी बीमारियों के कारण जान गंवा देते हैं. भारत के दिल्ली-मुंबई-कोलकाता जैसे शहर दुनिया के 10 सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हैं. हर साल अक्टूबर आते ही इन शहरों की हवा जहरीली हो जाती है. लोगों के स्वास्थ्य खासकर बच्चों-बुजुर्गों के लंग्स, सांस लेने की क्षमता पर प्रदूषण का सबसे ज्यादा असर हो रहा है. ये खतरा कम होने की बजाय बढ़ता ही जा रहा है.
सीने में जलन, आँखों में तूफ़ान सा क्यों है, इस शहर में हर शख़्स परेशान सा क्यों है...? ...साल 1978 में आई फिल्म 'गमन' का ये गाना आज देश की राजधानी दिल्ली में रहने वाल लोगों के हालात को बखूबी बयां करता है... जहां हवा में जहर घुला हुआ है, हर सांस दिल्ली वालों पर भारी है, यमुना नदी के पानी में बर्फ जैसा सफेद लेकिन जहरीला फोम भरा हुआ है, लोगों के चेहरों पर मास्क है- एक तरफ कोरोना वायरस का खौफ है, तो दूसरी ओर मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, स्वाइन फ्लू जैसी बीमारियां जिंदगी की मुश्किलें बढ़ाती जा रही हैं. लेकिन दमघोंटू हवा दिल्ली वालों के लिए सबसे बड़ी मुसीबत बन गई है.
लोकसभा चुनाव के आखिरी फेज में प्रचार के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आध्यात्मिक यात्रा पर जा रहे हैं. इस बार वे कन्याकुमारी में आध्यात्मिक प्रवास पर हैं. पीएम मोदी 30 मई से 1 जून तक कन्याकुमारी में ध्यान लगाएंगे. स्वामी विवेकानन्द ने भी यहीं तप किया था. पीएम ने 2019 में केदारनाथ, 2014 में शिवाजी के प्रतापगढ़ में ध्यान लगाया था.
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पाकिस्तान के पूर्व मंत्री चौधरी फवाद हुसैन ने भारत में हो रहे आम चुनाव पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पाक में सब चाहते हैं कि नरेंद्र मोदी चुनाव हार जाएं, क्योंकि भारत और पाकिस्तान के रिश्ते तभी बेहतर होंगे. उन्होंने यह भी दावा किया कि पाक में भारत को लेकर नफरत नहीं है, लेकिन वहां (भारत) वो पाकिस्तान को लेकर नफरत पैदा कर रहा है.