
Brazil Football Legend Pele Death:17 साल की उम्र में जिता दिया था वर्ल्ड कप, जानें फुटबॉल के 'ब्लैक पर्ल' की कहानी
AajTak
दुनिया के महानतम फुटबॉलर्स में से एक पेले ने 82 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया. पेले की बेटी केली नैसिमेंटो ने इंस्टाग्राम के जरिए उनके निधन की जानकारी दी. पेले ने एक समय कमजोर माने जाने वाली ब्राजील को तीन बार वर्ल्ड चैम्पियन बनाया था और उन्होंने अपने प्रोफेशनल करियर में हजार से ज्यादा गोल दागे.
दुनिया के सबसे महानतम फुटबॉलर्स में से एक पेले हमारे बीच नहीं रहे. ब्राजील के इस दिग्गज का 82 वर्ष की उम्र में गुरुवार (29 दिसंबर) को निधन हो गया. पेले की बेटी केली नैसिमेंटो ने इंस्टाग्राम के जरिए उनके निधन की जानकारी दी. 20वीं सदी के महान फुटबॉलर पेल को कोलन कैंसर था और वह पिछले कुछ दिनों से साओ पाउलो के हॉस्पिटल में भर्ती थे.
ज्यादातर फॉर्वर्ड पोजीशन पर खेलने वाले पेले को दुनिया का सबसे महान फुटबॉलर कहना गलत नहीं होगा. पेले जैसा खिलाड़ी शायद ही आने वाले सदियों तक पैदा हो. पेले का ऑरिजनल नाम एडसन एरंटेस डो नासिमेंटो था. लेकिन शानदार खेल के चलते उन्हें कई दूसरे नामों से भी जाना जाता था. पेले को 'ब्लैक पर्ल', 'किंग ऑफ फुटबॉल', 'किंग पेले' जैसे कई सारे निकनेम मिले. पेले अपने जमाने के सबसे महंगे फुटबॉलर्स में से एक थे.
🇧🇷 The one & only Pelé ⚽️ 1279 goals 🏆 3 FIFA World Cups 🏆 6 Brazilian league titles 🏆 2 Copa Libertadores 🎖️ FIFA Player of the Century 🎖️ TIME 100 Most Important People of the Century 🐐 The GOAT & Trailblazer #FIFAWorldCup|#Pele|#BRA pic.twitter.com/U13h7h5ssI
...पिता भी थे फुटबॉलर
पेले का जन्म 23 अक्टूबर सन 1940 को ब्राजील के मिनास गेराइस में हुआ. पेले के पिता का नाम डोनडिन्हो तथा माता का नाम सेलेस्टी अरांटेस था. पेले अपने मां-बाप की दो संतानों में सबसे बड़े थे. पिता डोनडिन्हो भी क्लब लेवल फुटबॉल खिलाड़ी थे. वैसे इस दिग्गज फुटबॉलर का निकनेम डिको था, लेकिन स्थानीय फुटबॉल क्लब के एक गोलकीपर बिले की वजह से वह पेले के नाम से जाने-जाने लगे. दरअसल बचपन में डिको यानी कि पेले को कई मुकाबलों में गोलकीपर की भूमिका भी निभानी होती थी. जब वे शानदार बचाव करते थे, तो उन्हें फैन्स दूसरा बिले कहते थे. देखते-देखते ये बिले कब पेले में बदल गया है पता नहीं चला.
🇧🇷 The Story of Pelé Dondinho & Celeste named their 1st son Edson after Thomas Edison,one of the greatest inventors in history. His family nicknamed him ‘Dico’,but he received the moniker ‘Pele’ in school due to his mispronunciation of Brazilian goalie, Bile.#FIFAWorldCup pic.twitter.com/v2NEMOBOeA

राष्ट्रपति पुतिन ने राजघाट पहुंचकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान उनकी गरिमामय उपस्थिति के साथ राष्ट्रपति भवन में उनका औपचारिक स्वागत किया गया और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया. यह मुलाकात दो देशों के बीच रिश्तों की मजबूती को दर्शाने वाली थी. पुतिन ने महात्मा गांधी के आदर्शों का सम्मान करते हुए भारत की संस्कृति और इतिहास को सराहा. इस अवसर पर राजघाट की शांतिपूर्ण और पावन वायु ने सभी को प्रेरित किया.

पानीपत कांड में आरोपी पूनम के पति नवीन ने कहा कि बच्चों को जैसे पानी में तड़पाकर मारा गया, वैसे ही उसकी पत्नी को भी कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए. उसने किसी भी तांत्रिक कनेक्शन से इनकार किया. वहीं, पूनम की मां सुनीता देवी ने कहा कि बेटी शादी से पहले बिल्कुल सामान्य थी और कभी किसी बच्चे को नुकसान नहीं पहुंचाया. उन्होंने स्वीकारा कि यदि उसने यह अपराध किया है तो उसे उसकी सजा जरूर मिलनी चाहिए.

माधव राव ने कुछ स्वयंसेवकों को मुस्लिम पहचान देकर विभाजित पंजाब के शहरों में मुस्लिम लीग के प्रभाव वाले क्षेत्रों में तैनात कर दिया. ये लोग बताते थे कि कैसे पूरी तैयारी के साथ मुस्लिम लीग के लोग हिंदू बाहुल्य इलाकों की रिपोर्ट तैयार करते हैं, और फिर हमला करते थे. RSS के 100 सालों के सफर की 100 कहानियों की कड़ी में आज पेश है उसी घटना का वर्णन.

पिछले दो दिनों से इंडिगो की उड़ानों में भारी रद्द होंगे देखे गए हैं. इस वजह से DGCA ने 4 दिसंबर को इंडिगो के अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की है. 3 और 4 दिसंबर को लगभग 250 से 300 फ्लाइट्स रद्द हो चुकी हैं, जिससे यात्री प्रभावित हुए हैं. DGCA का मकसद इंडिगो के कामकाज में सुधार लाना और यात्रियों की असुविधा को कम करना है.

शिवसेना UBT सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा है कि मंत्री राम मोहन नायडू को इंडिगो संकट को लेकर संसद में स्पष्ट जानकारी देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय को इंडिगो पर उचित कार्रवाई करनी चाहिए क्योंकि इंडिगो ने यात्रियों को काफी परेशानी में डाला है. प्रियंका चतुर्वेदी ने यह भी कहा कि इंडिगो के पास नियमों में हुए बदलावों की पूरी जानकारी थी, लेकिन इसके बावजूद यात्रियों को असुविधा हुई.








