Aaj Ki Taza Khabar: पढ़ें 17 मई 2023 की सुबह की टॉप खबरें और अन्य समाचार
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आज सुबह की ताजा खबर (Aaj Ki Taza Khabar), 17 मई 2023 की खबरें और समाचार: कर्नाटक के मुख्यमंत्री की रेस से ना ही सिद्दारमैया और ना ही डी के शिवकुमार पीछे हटने को तैयार हैं. इस पर आज फैसला हो सकता है. वहीं, अब लल्लन सिंह के मटन–चावल भोज पर बीजेपी और जेडीयू में भिड़ंत ह गई है.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री की रेस से ना ही सिद्दारमैया और ना ही डी के शिवकुमार पीछे हटने को तैयार हैं. इस पर आज फैसला हो सकता है. वहीं, अब लल्लन सिंह के मटन–चावल भोज पर बीजेपी और जेडीयू में भिड़ंत ह गई है. पढ़ें, बुधवार सुबह की 5 बड़ी खबरें...
1. सीएम की रेस से पीछे हटने को तैयार नहीं डीके शिवकुमार, क्या CBI-ED-IT जांच उम्मीदों पर लगाएगी ग्रहण?
कर्नाटक में नए सीएम को लेकर रेस तेजी होती जा रही है. कांग्रेस के संकटमोचक डीके शिवकुमार और दिग्गज नेता सिद्धारमैया के बीच मुकाबला है. इसमें डीके अगले मुख्यमंत्री बनने की दौड़ में सबसे आगे हैं. हालांकि, उनके खिलाफ आपराधिक मामले सबसे बड़ी समस्या बन सकते हैं. इतना ही नहीं, सीएम बनने की संभावनाओं पर ब्रेक तक लगा सकते हैं.
2. बिहार: अब मटन–चावल भोज पर भिड़े बीजेपी और जेडीयू, ललन सिंह के दावत पर गरमाई सियासत
मुंगेर से लोकसभा सांसद ललन सिंह अपने संसदीय क्षेत्र में लगातार कार्यकर्ताओं और समर्थकों के लिए मटन–चावल का भोज दे रहे हैं. यह भोज अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में चल रहा है लेकिन मुंगेर में दो दिन पहले आयोजित किए गए मटन–चावल भोज के दौरान जो हंगामा देखने को मिला उसके बाद बीजेपी मैं इस दावत पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं.
3. दिल्ली से यूपी तक 122 ठिकानों पर NIA के छापे, लॉरेंस-गोल्डी के करीबियों पर बड़ी कार्रवाई
नायडू पहली बार 1995 में मुख्यमंत्री बने और उसके बाद दो और कार्यकाल पूरे किए. मुख्यमंत्री के रूप में उनके पहले दो कार्यकाल संयुक्त आंध्र प्रदेश के नेतृत्व में थे, जो 1995 में शुरू हुए और 2004 में समाप्त हुए. तीसरा कार्यकाल राज्य के विभाजन के बाद आया. 2014 में नायडू विभाजित आंध्र प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री के रूप में उभरे और 2019 तक इस पद पर रहे. वे 2019 का चुनाव हार गए और 2024 तक विपक्ष के नेता बने रहे.
जम्मू-कश्मीर के रियासी में हुए आतंकी हमले में 10 लोगों की जान गई. इस हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ है. इन पाकिस्तानी आतंकवादियों की पहचान तक हो चुकी है. उनके नाम अब्बू, हमजा और फौजी. इनके चेहरे कैमरे पर कैद हुए हैं. ये वो सबूत हैं, जो चीख-चीखकर कह रहे हैं कि रियासी के हमले में पाकिस्तान का ही हाथ था.