
543 सीटों की महाजंग का आज होगा ऐलान, जानिए किस राज्य में किस दल का कितना दम, 2019 से कितना अलग है सीन?
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लोकसभा के पिछले यानी साल 2019 के चुनाव के मुकाबले इस बार गठबंधनों का गणित भी बहुत अलग नजर आ रहा है. कई पार्टियां जो पिछले चुनाव में विपक्षी खेमे में थीं, वह अब एनडीए के पाले में हैं. यूपी में जयंत चौधरी के नेतृत्व वाली आरएलडी, बिहार में उपेंद्र कुशवाहा और जीतनराम मांझी की पार्टियां 2019 में विपक्षी खेमे में थीं. टीडीपी भी तब अलग ताल ठोक रही थी.
Lok Sabha Election 2024: वह घड़ी करीब आ गई है, जिसका राजनीतिक दलों को इंतजार था. चुनाव आयोग की आज शाम तीन बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस होनी है. आयोग इस दौरान सबसे बड़ी चुनावी जंग के शेड्यूल का ऐलान कर सकता है. चुनाव कार्यक्रम के ऐलान की घड़ी आ गई है, तो बात गठबंधनों के गणित और लोकसभा में सियासी दलों की ताकत को लेकर भी हो रही है. हर दल और हर गठबंधन लोकसभा चुनाव में जीत के साथ सरकार बनाने के दावे तो कर रहा है लेकिन किस राज्य में किस दल के पास कितना दम है? 2019 के चुनाव से इस बार सीन कितना अलग है? बात इस पर भी हो रही है.
क्या है गठबंधनों का गणित?
मुख्य तौर पर इस चुनाव से पहले तीन राजनीतिक गुट दिख रहे हैं. एक भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी NDA में शामिल पार्टियां हैं, तो दूसरा समूह INDIA ब्लॉक में शामिल पार्टियों का है, जिसमें कांग्रेस सहित कई विपक्षी दल शामिल हैं. तीसरे समूह में उन दलों को रखा जा सकता है, जो इन दोनों में से किसी भी गठबंधन में नहीं हैं और अपनी अलग क्षेत्रीय ताकत रखते हैं.
ऐसी पार्टियों की लिस्ट में मायावती के नेतृत्व वाली यूपी की बहुजन समाज पार्टी, बंगाल में ममता बनर्जी की टीएमसी, केरल और बंगाल में लेफ्ट, ओडिशा में नवीन पटनायक की पार्टी बीजेडी, तमिलनाडु में एआईएडीएमके, आंध्र प्रदेश में सीएम जगन की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस, तेलंगाना में केसीआर की पार्टी बीआरएस और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम और असम में एआईयूडीएफ जैसे नाम हैं.
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2019 से कितना अलग गठबंधनों का सीन?

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